(न्यूज़लाइवनाउ-UP) उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र इन दिनों जारी है। मंगलवार को सत्र के दूसरे दिन सुबह 11 बजे कार्यवाही की शुरुआत हुई, जहां शुरुआत से ही विपक्ष के तेवर तीखे नज़र आए।
सपा के एक विधायक ने प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता और शिक्षक भर्ती पर सवाल खड़ा किया। उनका कहना था कि यदि शिक्षा व्यवस्था दुरुस्त होती, तो आज स्कूलों के विलय की नौबत ही न आती। इस कदम से विशेष रूप से पिछड़े वर्ग और अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को नुकसान हो रहा है।
उन्होंने यह भी पूछा कि क्या सरकार सरकारी स्कूलों में छह साल के बजाय चार साल में बच्चों के नामांकन की व्यवस्था लागू करेगी या नहीं? और क्या प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती की जाएगी या नहीं?
विपक्ष के ही एक अन्य सदस्य ने मनरेगा मजदूरी बढ़ाने का मुद्दा उठाया। इस पर सत्ता पक्ष की ओर से जवाब आया कि मजदूरी दर बढ़ाने का अधिकार राज्य सरकार के पास नहीं है। इसके लिए भारत सरकार से अनुरोध किया गया है, और उनके जवाब के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी।
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने आश्वासन दिया
कार्यवाही की शुरुआत में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने फतेहपुर ज़िले के एक मकबरे में हिंदू संगठनों के विरोध प्रदर्शन की खबर पर बहस की मांग रखी। इस पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने आश्वासन दिया।
सत्र के पहले दिन यानी सोमवार को सपा विधायक महंगाई, बेरोज़गारी, भ्रष्टाचार, कानून-व्यवस्था, प्राथमिक विद्यालयों के विलय, खाद संकट, कालाबाजारी, मुनाफाखोरी, वोट गड़बड़ी और बाढ़ की समस्या जैसे मुद्दों को लेकर विधान भवन स्थित चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के सामने धरने पर बैठे थे। सभी विधायक लाल टोपी पहनकर, हाथों में बैनर-पोस्टर लेकर प्रदर्शन में शामिल हुए।
पहले दिन विपक्ष के हंगामे और वॉकआउट के बीच प्रश्नकाल और शोक संदेश के साथ कार्यवाही पूरी हुई। वहीं, दूसरे दिन भी विपक्ष के तीखे तेवरों के चलते सत्र में हंगामे के आसार नज़र आ रहे हैं।