गांधीनगर: गुजरात विधानसभा चुनाव में जातिगत समीकरणों के सहारे चुनाव के मैदान में उतर चुकी कांग्रेस के सामने बड़ी मुश्किल खड़ी हो गई है. अभी तक पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल बीजेपी के लिए सिरदर्द बने थे तो अब कांग्रेस के लिए मुसीबत बनते जा रहे हैं. पाटीदारों के आरक्षण की मांग कर रहे हार्दिक पटेल ने कांग्रेस से पूछा है कि उसके पास इसके लिए क्या प्लान है. हार्दिक ने यह भी चेताया है कि अगर उनकी बात को गंभीरता से नहीं लिया गया तो कांग्रेस के लिए मुश्किल हो सकती है. वहीं कांग्रेस में शामिल हो चुके अल्पेश ठाकोर ओबीसी-दलित एकता मंच के नेता पाटीदारों को ओबीसी के तहत आरक्षण देने की मांग का विरोध कर रहे हैं. हार्दिक पटेल और अल्पेश एक दूसरे का विरोध करके ही नेता बने हैं और कांग्रेस गुजरात में हर जातिगत समीकरण को अपने पाले में करने के चक्कर में यह भूल गई कि वह एक ही म्यान में दो तलवारें रखनी को कोशिश कर रही है.
कांग्रेस ने 20 फीसदी आरक्षण आर्थिक रूप से पिछड़ों को आरक्षण देने का वादा कर रही है. उसका कहना है कि 49 फीसदी के अलावा वह 20 फीसदी का एक और कोटा लेकर आएगी इसी के तहत आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों यानी ईबीसी और पाटीदारों को आरक्षण दिया जाएगा. लेकिन नियम के मुताबिक ऐसा नहीं हो सकता है कोई भी राज्य 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण नहीं दे सकता है. इससे पहले बीजेपी भी 10 फीसदी का आरक्षण का प्रावधान कर चुकी है जिसे गुजरात हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था.
कैसे मिल सकता है पाटीदारों को आरक्षण
पाटीदारों को आरक्षण तभी मिल सकता है जब पिछड़ा वर्ग में शामिल करने के कानून को संविधान की नौवीं अनुसूची में डलवा दिया जाए. यह सिर्फ केंद्र सरकार की इच्छा पर ही हो सकता है. लेकिन अगर ऐसा हुआ तो अन्य जातियां भी आरक्षण की मांग के लिए सामने आ जाएंगी.