ब्रेग्जिट पर संसद में दोबारा प्रस्ताव पेश नहीं कर पाए ब्रिटिश पीएम।
हाउस ऑफ कॉमंस में स्पीकर जॉन बरको ने कहा, प्रधानमंत्री को एक ही सत्र में एक ही प्रस्ताव को दूसरी बार पेश करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : ब्रेग्जिट अधर में लटकता दिख रहा है। ब्रिटेन में प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को ब्रेक्जिट मामले में सोमवार को एक और झटका तब लगा जब संसद में स्पीकर ने उन्हें दूसरी बार यूरोपीय यूनियन से समझौते का प्रस्ताव पेश करने की अनुमति नहीं दी। सरकार 31 अक्टूबर को यूरोपीय यूनियन (ईयू) छोड़ने की घोषणा कर चुकी है। हाउस ऑफ कॉमंस में स्पीकर जॉन बरको ने कहा, प्रधानमंत्री को एक ही सत्र में एक ही प्रस्ताव को दूसरी बार पेश करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। उल्लेखनीय है कि शनिवार को प्रधानमंत्री ने यही प्रस्ताव पेश किया था लेकिन उन्हीं की कंजरवेटिव पार्टी के सांसद ओलिवर लेटविन ने संशोधन पेश कर दिया था। लेटविन के प्रस्ताव में ब्रेक्जिट (यूरोपीय यूनियन से अलगाव) को तीन महीने के लिए टालने और बिना शर्त अलगाव न करने के बिंदु थे। लेटविन का संशोधन प्रस्ताव 322-306 मतों के अंतर से पारित हो गया था। इसके चलते प्रधानमंत्री का ईयू से समझौते का प्रस्ताव लटक गया। चूंकि समझौते को क्रियान्वित करने के लिए संसद की मंजूरी आवश्यक है, इसलिए प्रधानमंत्री सोमवार को फिर से प्रस्ताव पेश करने के लिए स्पीकर से अनुमति मांगी लेकिन स्पीकर ने इससे इन्कार कर दिया। किसी भी प्रस्ताव को उसी सत्र में दोबारा पेश करने की अनुमति सिर्फ स्पीकर ही दे सकते हैं। अब 31 अक्टूबर को ब्रेक्जिट का मामला फिर अटकता दिख रहा है। जॉनसन के लाख प्रयासों के बावजूद यूरोपीय यूनियन (ईयू) से ब्रिटेन का अलगाव परवान नहीं चढ़ पा रहा है। पता चला है कि अब गेंद ईयू के पाले में है। उसके बाकी 27 सदस्य देश अगर ब्रेक्जिट को टालने का फैसला करेंगे तो नई तारीख का एलान होगा, अन्यथा वे ब्रेक्जिट को प्रक्रिया को सिरे से खारिज करने के लिए भी ब्रिटेन से कह सकते हैं। जून 2016 से चल रही उहापोह को खत्म करने के लिए ईयू ने पिछली बार ब्रिटेन को ब्रेक्जिट प्रक्रिया पूरी करने के लिए 31 अक्टूबर की आखिरी तारीख दी थी।