पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने घोषणा की है कि इस साल मोहर्रम के जुलूसों के दौरान मां दुर्गा की मूर्ति के विसर्जन पर रोक रहेगी. कोलकाता हाईकोर्ट में पिछले साल दायर की गई तमाम जनहित याचिकाओं के बावजूद इस साल भी ऐसा किया जा रहा है.
कोलकाता में बुधवार शाम दुर्गा पूजा आयोजकों के साथ हुई मीटिंग के दौरान राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, “विजय दशमी के दिन शाम 6 बजे तक ही मूर्ति विसर्जन किए जाएंगे क्योंकि उसके बाद मोहर्रम के जुलूस निकलेंगे. अगर ये दोनों चीजें एक साथ होंगी, तो समस्या खड़ी हो सकती है. मैं इस मामले में आप सभी का सहयोग चाहती हूं. कुछ लोग इस मौके का फायदा उठाना चाहेंगे और अपने हित के लिए हिन्दू और मुसलमानों को एक टूल की तरह इस्तेमाल करेंगे.” बाद में ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, “मुहर्रम के दिन 24 घंटे की अवधि को छोड़कर, विसर्जन 2 , 3 और 4 अक्टूबर को हो सकता है.”
पिछले साल भी इसी तरह राज्य सरकार ने मूर्ति विसर्जन पर प्रतिबंध जारी किया था. जिस वजह से विजय दशमी मुहर्रम से एक दिन पहले मनाया गया था. पिछले साल 11 अक्टूबर को दशहरा था और 13 अक्टूबर को मोहर्रम. हालांकि, कोलकाता हाई कोर्ट ने सरकार के निर्णय को “मनमाना” करार दिया था और ‘जनता के अल्पसंख्यक वर्ग को खुश करने’ का राज्य द्वारा ‘स्पष्ट प्रयास’ कहा था.
6 अक्टूबर 2016 के आदेश में जस्टिस दीपंकर दत्ता की अगुवाई वाली एक एकल न्यायाधीश की पीठ ने कहा था कि ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता है जो ‘एक समुदाय को दूसरे के खिलाफ’ खड़ा करता हो.