राहुल गांधी की कार पर पथराव
राहुल गांधी शुक्रवार को बाढ़ प्रभावित बनासकांठा इलाके में स्थानीय लोगों से मिलने पहुंचे थे और यहां लोगों को संबोधित भी किया।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की कार पर गुजरात में कुछ लोगों ने पथराव किया। उन्हें काले झंडे भी दिखाए गए। राहुल गांधी शुक्रवार को बाढ़ प्रभावित बनासकांठा इलाके में स्थानीय लोगों से मिलने पहुंचे थे और यहां लोगों को संबोधित भी किया। इस दौरान उनकी कार पर पथराव हुआ जिससे कार की पिछली सीट से बगल में लगा कांच टूट गया। बनासकांठा के एसपी ने बताया कि पत्थर उसी तरफ लगा जिस तरफ कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी बैठे हुए थे।
अपनी कार पर पथराव पर राहुल ने कविता के अंदाज में कहा, ‘आने दो, आने दो, ये काले यहां लगाने दो, घबराए हुए ये लोग हैं, फर्क नहीं पड़ता हमें।’ कांग्रेस ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और इसके लिए सीधे-सीधे बीजेपी को जिम्मेदार बताया है।
बता दें कि भारी बारिश की वजह से देश के अलग-अलग हिस्सों में बाढ़ की स्थिति बन गई है। बड़ी संख्या में लोग बाढ़ में फंसे हुए हैं जिन्हें बचाने के काम सेना और एडीआरएफ की टीमें कर रही हैं। पिछले दिनों प्रधानमंत्री मोदी भी गुजरात में बाढ़ का जायजा लेने पहुंचे थे। उन्होंने लोगों की मदद के लिए बड़ी धनराशि का ऐलान किया था और मंत्रियों अधिकारियों से मुलाकात करके राहत-बचाव का काम तेज करने का निर्देश दिया था।
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने बताया था कि पड़ोसी राज्य राजस्थान में भारी बारिश के चलते समस्या और जटिल हो गई है। इस वजह से नदियों एवं बांधों में जलस्तर बढ़ गया है। उन्होंने बताया कि दांतीवाड़ा और सिपू बांधों के लबालब भर जाने की वजह से इनसे पानी छोड़ा गया, जिसके कारण निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है।
राहुल गांधी ने पथराव की घटना के बाद ट्वीट करके प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘नरेंद्र मोदी जी के नारों से, काले झंडों और पत्थरों से हम पीछे हटने वाले नहीं हैं, हम अपनी पूरी ताकत लोगों की मदद करने में लगाएंगे।’
इसके बाद गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने ट्वीट करके कहा, ‘अच्छा होता कि राहुल गांधी और कांग्रेस लोगों की मदद करते और दिखावा न करते। पार्टी में राहुल गांधा का स्टाइल ही अनोखा है। उनको देखकर कांग्रेस के विधायक भी छुट्टी के मोड में आ गए हैं। गुजरात के लोग कांग्रेस की सारी चालें समझते हैं।’