शरद यादव पर शिकंजा तेज, चुनाव आयोग को नीतीश गुट ने सौंपा शपथ पत्र

जदयू अपने बागी नेता शरद यादव और उनके गुट को घेरने की तैयारी में लगी है। इन बागी नेताओं ने पार्टी के चुनाव चिन्ह पर अपना दावा किया है, इसके खिलाफ पार्टी ने चुनाव आयोग जाने का फैसला लिया और आज पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग को अपना शपथ पत्र सौंपा है। इस मुलाकात में पार्टी के चुनाव चिन्ह पर शरद के दावे को चुनौती दी गई है।

जदयू की ओर से ललन सिंह, आरपीसी सिंह, संजय झा और केसी त्यागी आज 12 बजे चुनाव आयोग कार्यालय पहुंचे और आयोग के समक्ष अपनी पार्टी का पक्ष रखा।

चुनाव आयोग में अपना दावा पेश करने के बाद मीडिया से बातचीत में नीतीश गुट के नेता संजय झा ने कहा कि हमारे पास 71 विधायक, 30 विधान पार्षद, 7 राज्य सभा सदस्य और दो लोकसभा सदस्य का समर्थन है। इसके अलावा पार्टी के सभी राज्यों के नेताओं के साथ पदाधिकारियों के नीतीश के पक्ष में शपथ-पत्र है। उसे हमने आयोग को सौंप दिया है। संजय झा ने शरद यादव के दावे को बिल्कुल खारिज किया।

जदयू प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य चुनाव आयुक्त ए के जोटी, चुनाव आयुक्त ओम प्रकाश रावत और सुनील अरोड़ा के समक्ष अपनी पार्टी का पक्ष रखा और अपना शपथ पत्र सौंपा जिसमें पार्टी सिंबल के बारे में दावा किया गया है। बता दें कि शरद गुट ने 25 अगस्त को चुनाव आयोग के सामने पार्टी और निशान पर अपना दावा किया था।

इससे पहले जदयू का एक प्रतिनिधमंडल राज्यसभा के सभापति वैकेंया नायडू से मिलकर शरद यादव की राज्यसभा सदस्यता खत्म करने की मांग कर चुका है, लेकिन पार्टी की दावेदारी को लेकर मामला फिलहाल चुनाव आयोग में चल रहा है।

जदयू की ओर से राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह और पार्टी के महासचिव संजय झा ने बीते मंगलवार को उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू से मुलाकात कर शरद यादव की राज्यसभा से सदस्यता रद्द करने की मांग की थी।

उपराष्ट्रपति को दिए ज्ञापन में बताया गया था कि कैसे शरद यादव स्वेच्छा से जदयू को त्याग चुके हैं। सभापति को शरद यादव के बागी तेवर से वाकिफ कराया गया। तमाम हालिया कारनामे बताए गए, जो जदयू के खिलाफ जाते हैं।

एेसे में देखना होगा कि चुनाव आयोग किसके पक्ष में फैसला लेता है। महागठबंधन टूटने से नाराज शरद यादव गुट ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है और पार्टी विरोधी बयान दे रहे हैं। साथ ही पार्टी लाइन से बाहर की गतिविधियों में शामिल रहे हैं, एेसे में पार्टी शरद पर बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है। वहीं शरद का कहना है कि असली जदयू उनके साथ है।

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