सुप्रीम कोर्ट ने भ्रष्टाचार के मामले में अन्नाद्रमुक नेता वीके शशिकला को चार साल की सजा देने वाले फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध ठुकरा दिया है. शीर्ष अदालत ने शशिकला की खुली कोर्ट में पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करने की मांग को भी खारिज कर दिया.
न्यायाधीश एसए बोबडे की पीठ ने कहा कि इस सामान्य फैसले में किसी तरह की त्रुटि नहीं मिली है. लिहाजा इस पुनर्विचार याचिका को खारिज किया जाता है. इस याचिका में त्रुटि की बात कहकर पुनर्विचार की मांग की गई थी. मामले में शशिकला और अन्य दोषियों का प्रतिनिधित्व करने वाले सीनियर वकील मुकुल रोहतगी ने लिखित में निवेदन किया था, जिसको शीर्ष अदालत ने अपने रिकॉर्ड में रख लिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में शशिकला और अन्य दोषियों की याचिका पर गौर करने के बाद इसको खारिज कर दिया. इसके अलावा शशिकला, पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के दत्तक पुत्र वीएन सुधाकरन और शशिकला के बड़े भाई की विधवा इलावारसी ने मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट की ओर से रिहा किए जाने के फैसले को रद्द करने को चुनौती दी थी.
शीर्ष अदालत ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए निचली अदालत के फैसले को सही ठहराया था. तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता भी भ्रष्टाचार के इस मामले में आरोपी थीं. बंगलुरु की निचली अदालत ने शशिकला , सुधाकरन और इलावारसी को आय से ज्यादा संपत्ति मामले में दोषी ठहराया था.
14 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट की ओर से दोषी ठहराने के बाद शशिकला तमिलनाडु की मुख्यमंत्री भी नहीं बन पाई थीं. मामले में चार साल की सजा होने के चलते वह छह साल तक चुनाव नहीं लड़ सकती हैं. मालूम हो कि शशिकला तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता की बेहद करीबी रही हैं.