शिवसेना के केन्द्रीय मंत्री अरविंद सावंत के इस्तीफे के साथ अब गठबंधन टूटने का बस ऐलान बाक़ी।

इस्तीफा देते वक्त अरविंद सावंत ने भाजपा पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया।

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना के गठबंधन के टूटने का बस ऐलान बाकी है। मोदी कैबिनेट में शिवसेना के एकमात्र मंत्री अरविंद सावंत ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देते वक्त उन्होंने भाजपा पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि केंद्र में बने रहना उनके लिए नैतिक रूप से सही नहीं होगा, इसलिए केंद्रीय मंत्री के पद से उन्होंने इस्तीफा दे दिया है। इस दौरान उन्होंने इशारों इशारों में कहा कि महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना का गठबंधन टूट गया है।  सावंत से जब पूछा गया कि क्या शिवसेना ने एनडीए का साथ छोड़ दिया है, तो उन्होंने कहा किजब मैंने इस्तीफा दे दिया है, तो आप समझ सकते हैं कि इसका क्या मतलब है बता दें कि महाराष्ट्र में पिछले महीने 21 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव हुआ और 24 अक्टूबर को नतीजे आए। इसके बाद से ही राज्य में सरकार बनाने को लेकर राजनीतिक उठापटक जारी है।
सावंत ने भाजपा पर जोरदार हमला बोलते हुए ट्वीट कर कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले, भाजपा और शिवसेना के बीच शक्ति-बंटवारे पर एक फॉर्मूला तय किया गया था। यह दोनों पक्षों को स्वीकार्य था, लेकिन इसे अस्वीकार करके शिवसेना को झूठा साबित करने की कोशिश की गई। सावंत ने कहा कि यह चौंकाने वाला है और राज्य के स्वाभिमान पर धब्बा है। उन्होंने महाराष्ट्र भाजपा पर संबंधों को तोड़ने के लिए झूठ का सहारा लेने का आरोप लगाया और दोहराया कि शिवसेना हमेशा सच्चाई के साथ खड़ी रहती है।
राज्य की भाजपा इकाई ने रविवार को राज्यपाल बी.एस. कोशियारी से कहा कि वह सरकार नहीं बना सकेगी। इसके बाद राज्यपाल ने दूसरी सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया है। राज्यपाल ने इसके लिए सोमवार शाम तक का समय दिया है। चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी भाजपा ने साफ कर दिया है कि वह महाराष्ट्र में अपने सहयोगी शिवसेना के साथ अपने संबंधों के कारण सरकार नहीं बना रही है, जो विधानसभा चुनावों के बाद कड़वी हो गई। शिवसेना ने 50-50 फार्मूले पर टिकी रही, जिसे भाजपा ने मानने से इन्कार कर दिया। भाजपा को चुनाव में 105 और शिवसेना को 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में 56 सीटें मिलने के बाद एनडीए गठबंधन को महाराष्ट्र में पूर्ण बहुमत प्राप्त हुआ था। सावंत ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने शिवसेना को समर्थन का संकेत दिया। जानकारी के अनुसार एनसीपी ने कहा शिवसेना को समर्थन इस शर्त पर दिया जा सकता अगर पार्टी अपनी सहयोगी भाजपा के साथ अपना संबंध तोड़ दे। एनसीपी के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक ने समाचार एजेंसी एएनआइ को बताया कि भाजपा ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने में असमर्थता व्यक्त की है। अगर शिवसेना एनसीपी से समर्थन चाहती है, तो उन्हें यह घोषणा करनी होगी कि उन्होंने भाजपा के साथ अपने सभी संबंधों को तोड़ दिया है और केंद्र सरकार में उनके मंत्री ने भी इस्तीफा दे दिया है। बता दें कि एनसीपी के पास 54 विधायक हैं जबकि उसके सहयोगी दल कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में 44 सीटें हासिल की हैं।

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