मेरठ। यदि कहीं जाने के लिए रोडवेज बस का इंतजार कर रहे हैं तो बैठने से पहले इस बात की तस्दीक कर लें कि ये बस परिवहन निगम की ही है। कारण, रोडवेज के नाम पर दिल्ली और गाजियाबाद समेत अन्य रूटों पर फर्जी रूप से बसों का संचालन हो रहा है।
खास बात यह है कि यात्रियों को गुमराह करने के लिए न सिर्फ इनका रूप-रंग सरकारी बसों जैसा किया गया है बल्कि शीशों पर ‘उत्तर प्रदेश परिवार’ या ‘उत्तर प्रदेश परिगांव’ जैसी इबारत भी लिखी हैं।
भैंसाली बस अड्डे के आसपास दूसरे जनपदों को जाने वाली गैर सरकारी बसों का खड़ा होना प्रतिबंधित है। शासन के आदेश मुताबिक, कुछ रूटों को छोड़कर दूसरे जनपदों के लिए बसों का संचालन केवल रोडवेज करेगा। रोडवेज की सरकारी बसों के अलावा काफी अनुबंधित बसें भी हैं जिनका संचालन दूसरे जनपदों के लिए होता है। दिल्ली समेत दूसरे राज्यों के लिए केवल रोडवेज की सरकारी बसें ही संचालित हो सकती हैं।
इसके बावजूद नियमों को धता बताकर भैंसाली बस अड्डे के आसपास सुबह, शाम तमाम प्राइवेट बसों की कतार लग जाती हैं। बुधवार को भी दिल्ली रोड पर उत्तर प्रदेश दिल्ली, भैसाली डिपो जैसे नामों से बसें धड़ल्ले से चलती दिखाई दी है। यह आलम तब है जबकि कमिश्नर ने डग्गामार बसों का संचालन बंद करने के आदेश दिए हैं।
ये बसें बिना रोकटोक यात्रियों को बैठाकर रवाना हो जाती हैं। न तो रोडवेज के अधिकारी और न ट्रैफिक पुलिस इन बसों को रोक पाती है। भैंसाली बस अड्डे के अलावा ये बसें रेलवे रोड चौराहा, मेट्रो प्लाजा, टीपी नगर गेट के सामने से भी यात्रियों को बैठाती हैं।
इस तरह करते हैं गुमराह: ये डग्गामार बसें दिल्ली, गाजियाबाद, मोहन नगर, कौशांबी, बागपत, बड़ौत, हरिद्वार, देहरादून और ऋषिकेष आदि रूटों पर चल रही हैं। बुधवार को सुबह नौ बजे ‘स्वास्ति मेल बरखा’ लिखी बस में मेरठ से बागपत के लिए यात्री बैठाए जा रहे थे। बसों पर सरकारी बसों की तरह पीला और लाल रंग किया हुआ है। यात्रियों को धोखा देने के लिए कई बसों के शीशे पर ‘उत्तर प्रदेश’ भी लिखा हुआ था।