(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) :विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में भारत के कदम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। देश के अग्रणी तकनीकी संस्थान आइआइटी मद्रास (चेन्नई) ने देश का पहला माइक्रो प्रोसेसर बनाया है। इसका नाम शक्ति रखा गया है। आने वाले समय में संभव है कि देश में बिकने वाले स्मार्टफोन, कैमरा और इलेक्ट्रॉनिक मीटर जैसे कई उपकरणों में यह माइक्रो प्रोसेसर देखने को मिले। अब तक भारत ऐसे प्रोसेसरों के लिए विदेशों पर निर्भर था। आइआइटी की टीम ने चंडीगढ़ स्थित इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) की सेमी कंडक्टर लैब में इस प्रोसेसर को तैयार किया है। इससे भारत की विदेशी माइक्रोप्रोसेसर पर तो निर्भरता कम होगी ही; साथ ही रक्षा उपकरणों की विश्वसनीयता बढ़ेगी और साइबर अटैक का खतरा कम होगा। मालूम हो कि कंप्यूटिंग और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की दुनिया में प्रोसेसर उपकरणों के दिमाग की तरह काम करते हैं।आइआइटी मद्रास के प्रोफेसर कामकोटि वीजीनाथन का कहना है कि मौजूदा समय में डिजिटल इंडिया के कई सारे प्रोसेसर्स को कस्टमाइज्ड कोर की जरूरत पड़ती है और आइआइटी के ‘शक्ति’ डिजायन से इस दिशा में मदद मिलेगी जुलाई में आइआइटी मद्रास के शुरुआती बैच ने 300 चिप डिजाइन की थीं, जिन्हें अमेरिका के ऑरेगन में इंटेल की फैसिलिटी में जोड़ा गया था। अब यह देश में ही तैयार किया गया माइक्रोप्रोसेसर पूरी तरह भारतीय है।प्रोफेसर कामकोटि ने कहा कि इस प्रोसेसर की तकनीक पूरी तरह से अलग है। भारत में बना माइक्रोप्रोसेसर 180 एनएम का है, जबकि अमेरिका में बना प्रोसेसर 20 एनएम का है। इस प्रोसेसर के इस्तेमाल को लेकर पहले ही 13 कंपनियां आइआइटी के संपर्क में हैं।आइआइटी की टीम अब एडवांस माइक्रोप्रोसेसर ‘पराशक्ति’ के साथ तैयार है। यह सुपर स्केल प्रोसेसर दिसंबर 2018 तक तैयार हो जाएगा।