दिलीप कुमार की 100वीं बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर हेरिटेज फिल्म फेस्टिवल में देश भर के 27 शहरों में उनकी हिट फिल्मों की स्क्रीनिंग की

(एन एल एन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : हिंदी फिल्म जगत के बुलंद सितारों में एक दिलीप कुमार ने हिंदी सिनेमा को कई शानदार फिल्में दी हैं, जिसके चलते वो आज भी लोगों को दिल में जिंदा हैं। अब दिग्गज कलाकार की 100वीं बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन ने देश भर के शहरों में उनकी कई यादगार फिल्मों को दिखाया जा रहा है। वहीं, मुंबई में दिलीप आन की स्क्रीनिंग के दौरान कई दिग्गज कलाकारों में सिनेमाघरों में शिरकत की है और सभी खुशी जाहिर करते हुए दिवंगत अभिनेता की जमकर प्रशंसा की। रविवार को बॉलीवुड के ट्रेजिडी किंग दिलीप कुमार की 100वीं बर्थ एनिवर्सरी मनाई जा रही है। इस मौके पर हेरिटेज फिल्म फेस्टिवल में देश भर के 27 शहरों में उनकी हिट फिल्मों की स्क्रीनिंग की जा रही है।
सायरा बानो दिलीप साहब का साया बनकर उनके साथ रहीं । ना जाने कितनी दफ़े दिलीप साहब गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हुए और उनके साथ साए की तरह रहीं सायरा । वो बार-बार लौटा लाईं अपनी साहब को और दुनिया से शुक्रिया कहती रही बेशुमार मोहब्बत और दुआओं के लिए।
वो इश्क़ की मिसाल बने,ऐसा इश्क़ जो जिस्म नहीं रूह से बावस्ता हुआ । उनका साथ मुस्कुराहटों का था, उदासी का था, तन्हाई का था । आज वो साथ छूट गया । जी हां आज सायरा के साहब इस फ़ानी दुनिया को अलविदा कह गए । सायरा बानो और युसूफ़ खान यानि दिलीप कुमार का साथ यहीं तक का था ।
एक साथ नज़र आने वाली ये जोड़ी दुनिया के लिए भले अलग हो गई लेकिन इश्क़ की मिसाल बनी । सायरा बानो दिलीप साहब का साया बनकर उनके साथ रहीं । ना जाने कितनी दफ़े दिलीप साहब गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हुए और उनके साथ साए की तरह रहीं सायरा. वो बार-बार लौटा लाईं अपनी साहब को और दुनिया से शुक्रिया कहती रही बेशुमार मोहब्बत और दुआओं के लिए ।

सायरा बानो और दिलीप कुमार की जोड़ी फिल्म जगत ही नहीं, दुनिया के लिए मिसाल बनी । दोनों के बीच उम्र का लंबा फ़ासला रिश्ते में कोई बाल बराबर दरार नहीं ला पाया। सायरा प्रेमिका बनी, पत्नी बनी और आख़िर में मां की तरह अपने साहब की देखभाल करती रहीं । सायरा बानो और दिलीप कुमार को कभी जुदा करके नहीं देखा जा सकता है । बीमारी और बुढापे से जूझते दिलीप साहब की बाते, जब किसी को समझ नहीं आती थीं, तो सायरा बानो उनकी ख़ामोशी उनके इशारे समझती रहीं । कई प्रोग्राम में सायरा बानो को दिलीप साहब की ज़ुबान बने हुए देखा गया । उनकी मोहब्बत सिर्फ़ दुनियावी नहीं रही इनका रिश्ता रूह का भी रहा । दिलीप कुमार और सायरा बानो की जोड़ी मिसाल बनी मोहब्बत की ।

दिलीप साहब का जाना फिल्मी दुनिया नहीं पूरी दुनिया का नुकसान है लेकिन जो खाली और तन्हा रह गया वो हैं सायरा बानो । वो अब किसका ख़्याल रखेंगी किसकी सलामती की दुआ मांगेगी । आज के बाद से सायरा बानों के हाथ में दिलीप साहब का हाथ नहीं होगा । उनकी ये दुनिया मानो तो खाली हो गई, उनकी ज़िंदगी का मकसद चला गया है । दुनिया दिलीप साहब को उनके अभिनय, कला के लिए याद कर रही है और मैं सायरा बानो की गीली आंखें मेहसूस कर रही हूं । फिल्मी दुनिया में सायरा बानो की एंट्री उनके ख़्बाव की ताबीर थी । सायरा बानो फिल्मी दुनिया का चमकता सितारा बनी और कहा जाता है कि उन्हें अपने को स्टार राजेंद्र कुमार से मोहब्बत हो गई, लेकिन राजेंद्र कुमार शादीशुदा थे, इसलिए सायरा बानो की मां को इस रिश्ते पर एतराज था । कहा ये भी जाता है कि इस बारे में दिलीप साहब ने ख़ुद सायरा बानो से बात की थी । शायद यहीं से दोनो की मोहब्बत परवान चढ़ी थी ।

एक बार दिलीप कुमार, सायरा बानो के घर गए थे । तब सायरा, साड़ी में काफी खूबसूरत लग रही थीं । दिलीप उन्हें देखकर फिदा हो गए थे और उन्होंने सायरा को कहा कि वह काफी प्यारी लग रही हैं । इसके बाद अगले दिन फिर दिलीप कुमार ने उन्हें फोन करके कहा कि खाना बहुत अच्छा बना था । इसके बाद दिलीप कुमार लगातार सायरा से मिलने लगे और साथ में डिनर करने लगे । इसके बाद दिलीप कुमार ने सायरा बानो को प्रपोज कर दिया था । दिलीप कुमार ने फिर साल 1966 में सायरा से शादी कर ली थी । दोनों की शादी की खबर सुनकर सभी चौंक गए थे ।

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