इमरान खान और बीबी बुशरा नई मुसीबत में फंसे, धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज हुआ

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान उनकी पत्नी बुशरा बीबी अब एक नई मुसीबत में फंस गए हैं। सरकार ने इमरान व उनकी पत्नी और करीबी सहयोगियों के खिलाफ तोशखाना उपहारों के संबंध में फर्जी और जाली रसीद तैयार करने व जमा करने के लिए धोखाधड़ी और जालसाजी का नया मामला दर्ज किया है। जियो न्यूज के अनुसार, खान ने पिछले साल सितंबर में पुष्टि की थी कि उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान कम से कम चार तोहफे बेचे थे, जो उन्हें मिले थे।

(एन एल एन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): पाकिस्तान में न तो कानून व्यवस्था है और न ही सरकार का कोई नामोनिशान। सेना और आतंकवादियों के आगे पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट और सरकार भी नतमस्तक लगते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद क्या हुआ था, यह सभी जानते हैं। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान उनकी पत्नी बुशरा बीबी अब एक नई मुसीबत में फंस गए हैं। सरकार ने इमरान व उनकी पत्नी और करीबी सहयोगियों के खिलाफ तोशखाना उपहारों के संबंध में फर्जी और जाली रसीद तैयार करने व जमा करने के लिए धोखाधड़ी और जालसाजी का नया मामला दर्ज किया है। जियो न्यूज के अनुसार, खान ने पिछले साल सितंबर में पुष्टि की थी कि उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान कम से कम चार तोहफे बेचे थे, जो उन्हें मिले थे। उपहारों में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान द्वारा खान को उपहार में दी गई एक ग्रेफ कलाई घड़ी शामिल है। वर्तमान में उस घड़ी के मालिक दुबई स्थित बहु-करोड़पति व्यवसायी उमर फारूक जहूर है। जहूर ने लाइव टीवी पर कहा कि उन्होंने बुशरा बीबी की करीबी दोस्त फराह गोगी से 2 मिलियन डॉलर में यह घड़ी खरीदी थी।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, खान, बुशरा बीबी, पूर्व मंत्री शहजाद अकबर, जुल्फी बुखारी, फराह गोगी (बुशरा बीबी के करीबी सहयोगी) और अन्य के खिलाफ अवैध लाभ हासिल करने, धोखाधड़ी से एक-दूसरे की सहायता करने, धोखाधड़ी के लिए उकसाने और धोखे की साजिश रचने के लिए संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। जियो न्यूज के अनुसार, इस्लामाबाद के प्रमुख घड़ी डीलर और आर्ट ऑफ टाइम दुकान के मालिक मुहम्मद शफीक ने एक लिखित हलफनामे में कहा कि एक लिखित हलफनामे में कहा कि उन्होंने रोलेक्स घड़ी नहीं बेची थी और पीटीआई के नेताओं ने तोशखाना कांड में अपने राजनीतिक उद्देश्यों के लिए उसकी दुकान का नाम और जाली रसीदें बनाई थीं। आवेदन में कहा गया है कि नामजद व्यक्ति जालसाजी के कार्यों में शामिल हैं और जालसाजी इस तथ्य से समर्थित है कि दुकान के मालिक ने भी आरोपी व्यक्तियों की ओर से मनगढ़ंत होने की पुष्टि की है।

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