(एन एल एन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): आज मोगा जिले के रोडे गांव से पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया। 18 मार्च को अमृतपाल सिंह और उसके संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के सदस्यों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू की थी जिसके बाद से वह फरार चल था। सरकारी डोसियर की मानें तो भारत आने से पहले अमृतपाल ने एक साल तक ISI से ट्रेनिंग ली थी। अमृतरपाल को लेकर ये भी खुलासा हुआ है कि उसके ISI एजेंट और विदेश में बैठे उग्रवादियों से भी संबंध हैं। अमृतपाल की गिरफ्तारी के बाद ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख के खिलाफ एक के बाद एक चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अमृतपाल ने भारत आने से पहले जॉर्जिया में ISI से ट्रेनिंग ली थी। पंजाब में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लिए उसकी सुनियोजित योजना थी। अपने इस मकसद के लिए उसके अमेरिका बेस्ड प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस के साथ भी संबंध हैं और सोशल मीडिया पर एसएफजे की अलगाववादी गतिविधियों के लिए अभियान चलाता था। इतना ही नहीं आतंक के वित्त पोषण, आतंकवादियों को आश्रय देना और ISI ड्रोन से भेजे गए हथियारों की सप्लाई में भी अमृतपाल का हाथ हो सकता है। ये भी जानकारी सामने आई है कि अमृतपाल दुबई में रह रहा था जो ISI एजेंटों का केंद्र है। अमृतपाल इन एजेंट के संपर्क में आया। भारी भरकम पैसे की पेशकश के कारण पाकिस्तान समर्थित भारतीय प्रतिष्ठान को चुनौती देने वाले काम के लिए तैयार हुआ। पाकिस्तान जो अपने सबसे खराब आर्थिक दौर से गुजर रहा है और भारत के खिलाफ लड़े गए सभी युद्ध हारा है, वह भारत के अंदर अमृतपाल जैसे कठपुतलियों को लगाकर भारत को भीतर से नष्ट करने के सपने देख रहा है।
फरवरी में अमृतसर शहर के बाहरी इलाके में अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों में से कुछ लोग तलवार तथा बंदूक लहराते हुए अवरोधक तोड़कर अजनाला थाने में घुस गए थे और उनकी अपने एक साथी की रिहाई के लिए पुलिस से झड़प भी हुई थी।
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