पुणे में वारकरी भक्तों की पुलिस से झड़प, विपक्षी दलों ने लगाया लाठीचार्ज का आरोप, राउत बोले- ये औरंगजेब से अलग नहीं

पुणे में रविवार को महाराष्ट्र पुलिस ने वारकरी भक्तों पर लाठीचार्ज किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भक्त आलंदी के श्रीक्षेत्र मंदिर में एक समारोह के लिए पहुंचे थे। मंदिर की ओर जा रहे पुणे जिले में पुलिस और वारकरी भक्तों के बीच बहस हो गई।

(एन एल एन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): महाराष्ट्र में बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। पुणे में रविवार को महाराष्ट्र पुलिस ने वारकरी भक्तों पर लाठीचार्ज किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भक्त आलंदी के श्रीक्षेत्र मंदिर में एक समारोह के लिए पहुंचे थे। मंदिर की ओर जा रहे पुणे जिले में पुलिस और वारकरी भक्तों के बीच बहस हो गई। वारकरी भगवान विठोबा के भक्तों को कहा जाता है। विपक्षी दलों का दावा है कि वारकरी भक्तों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। उन्होंने मामले की गंभीरता से जांच करने की मांग की है। हालांकि, पुलिस ने लाठीचार्ज की कार्रवाई से इनकार किया है।

सूत्रों के मुताबिक, जुलूस के दौरान श्रद्धालुओं की पुलिस से बहस हो गई थी। यह विवाद एक समारोह के लिए आलंदी के श्रीक्षेत्र मंदिर में प्रवेश के दौरान हुआ। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, श्रद्धालुओं की संख्या की बहुत ज्यादा थी। तय शर्तों के मुताबिक केवल 75 सदस्यों को ही एक बार में मंदिर परिसर में प्रवेश करने की अनुमति दी जा रही थी, लेकिन जुलुस में मौजूद लगभग 400 लोग जबरन मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश करने लगे। इससे मौके पर बहस की स्थिति बनी।

यह घटना तब हुई, जब भक्त पुणे शहर से 22 किलोमीटर दूर आलंदी शहर में संत ज्ञानेश्वर महाराज समाधि मंदिर में औपचारिक जुलूस के दौरान प्रवेश पाने की कोशिश कर रहे थे। यह पंढरपुर की वार्षिक आषाढ़ी एकादशी तीर्थयात्रा का हिस्सा है। पिंपरी चिंचवाड़ के आयुक्त विनय कुमार चौबे ने बताया कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस ने पूरी व्यवस्था की थी और मंदिर के न्यासियों के साथ बैठकें भी की थीं। जब पुलिस एक समय में 75 श्रद्धालुओं के जत्थे भेज रही थी, तब कुछ लोगों ने बेरिकेड्स तोड़ दिए और मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की। उन्हें रोकने की कोशिश की गई तो विवाद हो गया, लेकिन पुलिस ने मौके पर लाठीचार्ज नहीं किया गया।

वारकरी भक्तों पर पुलिस की इस कार्रवाई को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है। उद्धव गुट वाली शिवसेना के सांसद संजय राउत ने ट्विटर पर लिखा- हिंदुत्व सरकार का ढोंग उजागर हो गया, नकाब उतर गया। ये लोग औरंगजेब की तुलना में अलग नहीं हैं। मुगलों का महाराष्ट्र में पुनर्जन्म हुआ है। इस मामले पर पुलिस के सूत्रों का कहना है कि मंदिर परिसर में सिर्फ 75 भक्तों को प्रवेश देने की अनुमति थी। इसके बाद भी करीब 400 भक्त वहां पहुंचे थे और परिसर में दाखिल होने की कोशिश कर रहे थे। उन्हें नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया।

महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने उच्च स्तरीय जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि लाठीचार्ज में शामिल पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया जाना चाहिए। एनसीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रास्टो ने इस घटना को शर्मनाक बताया। ज आलंदी में वारकरियों पर लाठीचार्ज किया गया है। यह शर्मनाक है। अगर उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस राज्य नहीं चला सकते हैं, तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।

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