अमित शाह : भगवान अयप्पा के श्रद्धालुओं के साथ भाजपा चट्टान की तरह खड़ी रहेगी !
उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में भाजपा और आरएसएस के 2000 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। केरल की कम्युनिस्ट सरकार कान खोलकर सुने ले- जिस तरह भगवान अयप्पा के श्रद्धालुओं पर दमन का कुचक्र चला रहे हो, भाजपा पूरे देश के आस्थावान भक्तों के साथ चट्टान की तरह खड़ी रहेगी
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : भाजपा अध्यक्ष अमित शाह शनिवार को केरल में थे। यहां उन्होंने भाजपा कार्यालय का उद्घटान किया। शाह ने केरल के सबरीमाला मंदिर में 10 साल की बच्चियों से लेकर 50 साल की महिलाओं को प्रवेश नहीं देने को लेकर जारी विवाद पर परोक्ष रूप से टिप्पणी की। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में भाजपा और आरएसएस के 2000 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। केरल की कम्युनिस्ट सरकार कान खोलकर सुने ले- जिस तरह भगवान अयप्पा के श्रद्धालुओं पर दमन का कुचक्र चला रहे हो, भाजपा पूरे देश के आस्थावान भक्तों के साथ चट्टान की तरह खड़ी रहेगी। अदालती फैसले के नाम पर कुछ लोग हिंसा भड़काना चाहते हैं। हम उन्हें कहना चाहते हैं कि देश में ऐसे कई मंदिर हैं, जिनके अपने अलग नियम हैं।’’शाह ने कहा, ‘‘मित्रो! हिंदू धर्म के अंदर हमेशा माताओं को पूजनीय माना गया है। हम नवरात्र, दशहरा पर कन्या का पूजन करते हैं। किसी भी धार्मिक परंपरा में पत्नी को साथ में बैठाते हैं। हिंदू धर्म में कभी स्त्रियों का अपमान नहीं किया, उन्हें माता और देवी मानकर उन्हें पूजने का ही काम किया है। हाल ही के एक विवाद में संविधान के अनुच्छेद 14 का हवाला दिया गया। लेकिन अनुच्छेद 25 और 26 में मेरे धर्म के अनुसार जीने का भी मुझे अधिकार है। एक मौलिक अधिकार, दूसरे अधिकार पर कैसे अतिक्रमण कर सकता है?’’
शाह का यह बयान ऐसे वक्त आया है जब सबरीमाला मंदिर में हर उम्र की महिलाआें के प्रवेश का समर्थन करने वाले संत संदीपानंद गिरी के अाश्रम स्कूल ऑफ भगवत गीता में हमला हुआ है। आश्रम पर अज्ञात हमलावरों ने शुक्रवार देर रात करीब 2:30 बजे हमला किया। परिसर में खड़ी दो कार और एक स्कूटर को आग लगा दी गई।इस हमले पर स्वामी संदीपानंद ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि सबरीमाला और ऐसे अन्य मुद्दों पर दिए गए मेरे बयानों की वजह से यह (हमला) संघ परिवार ने किया।’’ उधर, केरल के वित्त मंत्री थॉमस आइजैक ने भी इस घटना के लिए आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, ‘‘स्वामी संदीपानंद मजबूती से संघ परिवार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का समर्थन कर रहे हैं, जिसमें अदालत ने हर उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने की इजाजत दी है।”सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर में अपने एक फैसले में सबरीमाला मंदिर में हर उम्र की महिलाओं को प्रवेश करने और पूजा करने की इजाजत दी थी। पहले यहां 10 साल की बच्चियों से लेकर 50 साल तक की महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी थी। भगवान अयप्पा के इस मंदिर में यह प्रथा 800 साल से चली आ रही थी। सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर महिलाओं पर लगी पाबंदी को चुनौती दी गई थी। केरल सरकार मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के पक्ष में थी। पिछले दिनों मासिक पूजा के लिए मंदिर के द्वार खोले गए लेकिन स्थानीय श्रद्धालुओं के विरोध के कारण एक भी महिला पुलिस सुरक्षा के बावजूद मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकी।