महाराष्ट्र: पंकजा मुंडे को मना लिया बीजेपी ने।
अटकलें चल रही थीं कि पंकजा अपने समर्थकों के साथ शिवसेना में शामिल हो सकती हैं।
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : बाग़ी तेवर दिखा रही पंकजा मूंदे को मनाने में बीजेपी कामयाब हो गई है। महाराष्ट्र में शिवसेना से झटका खाने के बाद पूर्व कैबिनेट मंत्री और बीजेपी नेता पंकजा मुंडे के कथित बागी रुख ने पार्टी के लिए मुश्किल खड़ी कर दी थी। अटकलें चल रही थीं कि पंकजा अपने समर्थकों के साथ शिवसेना में शामिल हो सकती हैं। हालांकि बीजेपी नेताओं की सक्रियता से फिलहाल पंकजा मान गई हैं। बीजेपी के कद्दावर नेता रहे गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा था कि वह आठ से 10 दिन में अपना आगे का रास्ता चुनने के बारे में फैसला करेंगी। पंकजा मुंडे की फेसबुक पोस्ट के बाद उनके पार्टी छोड़ने की अटकलें तेज हो गईं। इस बीच पंकजा को मनाने के लिए महाराष्ट्र बीजेपी के बड़े नेता सक्रिय हो गए। प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के अलावा विनोद तावड़े को पंकजा को मनाने के लिए लगाया गया। यहां तक कि देवेंद्र फडणवीस ने भी पंकजा से बात की। मंगलवार को पंकजा और विनोद तावड़े के बीच रॉयल स्टोन बंगले पर लंबी चर्चा हुई। इसके बाद पंकजा ने कहा कि मैं बीजेपी की सच्ची कार्यकर्ता हूं और बगावत मेरे खून में नहीं है। मेरी फेसबुक पोस्ट का गलत मतलब निकाला गया है और मेरे पार्टी छोड़ने की अफवाह फैलाई गई है। माना जा रहा है कि पंकजा मुंडे के बीजेपी छोड़ने की अटकलों के पीछे फिलहाल उनके पास कोई बड़ा ओहदा नहीं होना एक वजह है। विधानसभा चुनाव में हार के बाद उन्हें अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर चिंताएं थीं। अगले पांच साल राज्य की सियासत में उनके लिए कोई खास भूमिका नहीं है। ऐसे में इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि बीजेपी पर दबाव बनाने के लिए पंकजा ने फेसबुक पोस्ट किया। ऐसी संभावना है कि आने वाले दिनों में बीजेपी उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद की जयंती पर मंगलवार को उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए पंकजा ने फेसबुक पर कमल की तस्वीर भी पोस्ट की। उन्होंने सोमवार को अपने ट्विटर बायो से बीजेपी और अपने राजनीतिक सफर का विवरण हटाकर अफवाहों को और बल दे दिया था। पंकजा मुंडे मराठावाड़ा की परली सीट पर अपने चचेरे भाई धनंजय मुंडे से हाल ही में विधानसभा का चुनाव हारी हैं। अपनी इस हार को पंकजा पचा नहीं पाई हैं। वह पब्लिक के सामने और अपने समर्थकों के बीच तब से खामोश हैं लेकिन बीजेपी के कई बड़े नेताओं के समक्ष वह अपनी व्यथा व्यक्त कर चुकी हैं। पंकजा 30 हजार से ज्यादा वोटों से हारीं जो कि उनके लिए एक बड़ा झटका था। बड़े नेताओं को पंकजा यह बता चुकी हैं कि वह चुनाव हारी नहीं हैं, उन्हें चुनाव हरवाया गया है। पंकजा ने ऐसी कई बातें वरिष्ठ नेताओं को सबूत के साथ बताई हैं कि किस तरह उन्हें चुनाव हरवाने के लिए काम किया गया। सूत्र बताते हैं कि वरिष्ठ नेताओं के समक्ष व्यथा व्यक्त करते वक्त पंकजा का सारा रोष पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ रहा है। पंकजा मुंडे ने मराठी में एक लंबी पोस्ट लिखी है। उसका हिंदी में संक्षिप्त लब्बोलुआब यह है- ‘राज्य में बदले राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए यह सोचने और निर्णय लेने की आवश्यकता है कि आगे क्या किया जाए। मुझे स्वयं से बात करने के लिए आठ से 10 दिन की आवश्यकता है। मौजूदा राजनीतिक बदलावों की पृष्ठभूमि में भावी यात्रा पर फैसला किए जाने की आवश्यकता है। अब क्या करना है? कौन सा मार्ग चुनना है? हम लोगों को क्या दे सकते हैं? हमारी ताकत क्या है? लोगों की अपेक्षाएं क्या हैं? मैं इन सभी पहलुओं पर विचार करूंगी और आपके सामने 12 दिसंबर को आऊंगी।’