सबरीमाला पर बयान देने के बाद सीतामढ़ी में स्मृति ईरानी पर कोर्ट केस
सीतामढ़ी कोर्ट की मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सरोज कुमारी की अदालत में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के विरुद्ध मुकदमा दायर करते हुये सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना और पूरी नारी जाति को अपवित्र कहने का आरोप लगाते हुये धारा 295 A,353A,124A,और120 B के तहत मामला दर्ज कराया गया है
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : सबरीमाला मंदिर को लेकर महिलाओं पर केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के बयान पर बिहार के सीतामढ़ी व्यवहार न्यायालय में परिवाद दायर किया गया है। मामले की सुनवाई 29 अक्टूबर को होगी। परिवाद में आरोप लगाया गया है कि केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के बयान से मानसिक वेदना हुई जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ गया। इसी का हवाला देते हुए परिवाद दायर किया गया है।परिवाद में कहा गया है कि केन्द्रीय मंत्री का यह बयान सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनादर है, साथ ही महिलाओं की मर्यादा के खिलाफ है। सीतामढ़ी कोर्ट की मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सरोज कुमारी की अदालत में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के विरुद्ध मुकदमा दायर करते हुये सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना और पूरी नारी जाति को अपवित्र कहने का आरोप लगाते हुये धारा 295 A,353A,124A,और120 B के तहत मामला दर्ज कराया गया है।परिवादी अधिवक्ता ठाकुर चंदन ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध कर रहे स्थानीय लोगों को भी नामजद किया है। साथ ही स्मृति ईरानी के बयान के बाद अपनी मानसिक वेदना और ब्लड प्रेशर बढ़ने का भी हवाला दायर परिवाद में दिया। बहस के दौरान महिला जज सरोज कुमारी ने भी स्मृति ईरानी के बयान को गंभीरता से लिया है और अगली बहस की तारीख़ 29 अक्टूबर तय की है।गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की अनुमति दी थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भारी विरोध हो रहा है। स्मृति ईरानी ने इस पर बयान दिया था कि अगर आप पीरियड्स के दिनों में खून से सना पैड लेकर अपने दोस्तों के घर नहीं जा सकते हैं उस हालत में मंदिरों में भी नहीं जाना चाहिए। सबरीमाला मंदिर की पुरानी परंपरा है कि 10 से 50 वर्ष की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं है।