सीरिया में सीजफायर के लिए तैयार हुआ तुर्की।

अमेरिका के सीरिया से अपनी फौज बुलाने के बाद 9 अक्टूबर को लिखे इस पत्र में ट्रंप ने तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन को बेहद सख्त भाषा में चेतावनी दी थी। ट्रंप ने लिखा था, बेवकूफ और कठोर मत बनो।

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : अमेरिकी दबाव के चलते फिलहाल तुर्की सीरिया में सीजफायर के लिए मान गया है। कुर्दिश लड़ाकों को सेफ जोन में पहुंचने के लिए तुर्की पांच दिनों का वक्त देगा और इस दौरान कोई हमला नहीं करेगा। हालांकि, एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकी भरी चिठ्ठी को कूड़ेदान में फेंक दिया था। अमेरिका के सीरिया से अपनी फौज बुलाने के बाद 9 अक्टूबर को लिखे इस पत्र में ट्रंप ने तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन को बेहद सख्त भाषा में चेतावनी दी थी। ट्रंप ने लिखा था, बेवकूफ और कठोर मत बनो। ट्रंप ने तुर्की को सीरिया में कुर्दिश नीत लड़ाकों के खिलाफ सैन्य हमला नहीं करने को लेकर आगाह किया था लेकिन एर्दोगन ने ट्रंप के इस अनुरोध को पूरी तरह से खारिज कर दिया। अमेरिका की सीरिया से सेना वापस बुलाने को लेकर आलोचना हो रही है। विश्लेषकों का कहना है कि ऐसा करके अमेरिका ने तुर्की को सीरिया में हमले के लिए हरी झंडी दे दी थी। दुनिया के अलग-अलग देशों में कुर्दों के लिए अलग स्वायत्त राज्य बनाने के लिए संगठन लड़ाई लड़ रहे हैं। सीरिया के जिस हिस्से पर पड़ोसी तुर्की ने हमला किया है, उस पर एक ऐसे ही संगठन कुर्दिश पीपल्स प्रोटेक्शन यूनिट (YPG) का नियंत्रण है। तुर्की इन्हें सीरियाई सीमा से खदेड़ देना चाहता है। तुर्की का कहना है कि वाईपीजी के तुर्की में कुर्दों के स्वायत्त राज्य की लड़ाई लड़ रहे कथित आतंकी संगठन कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पीकेके) के साथ मजबूत संबंध हैं इसीलिए तुर्की कुर्दों को निशाना बना रहा है। पिछले कुछ वर्षों में कुर्द नीत सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्स (एसडीएफ) गठबंधन आईएसआईएस के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका का मजबूत सहयोगी रहा है। अब आशंका जताई जा रही है कि सीरिया में अमेरिकी सेना की वापसी के बाद यहां अस्थिरता पैदा हो सकती है। ट्रंप ने एर्दोगन को पत्र में लिखा था, चलो एक अच्छी डील की तरफ बढ़ते हैं। तुम हजारों लोगों के कत्लेआम के जिम्मेदार नहीं बनना चाहोगे और मैं तुर्की की अर्थव्यवस्था को तबाह करने का। अगर आप सही और मानवीय तरीके अपनाते हैं तो इतिहास आपके हक में होगा। लेकिन अगर कुछ बुरा होता है तो इतिहास आपको हमेशा शैतान के तौर पर हिकारत से देखेगा।

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