एक तरफ चीन भारत के आतंकवाद रोकने के प्रयासों पर पानी फेर रहा है. दूसरी ओर वह भारत से द्विपक्षीय संबंध बेहतर करने पर भी जोर दे रहा है. चीन के इस दोहरे चरित्र का ताजा उदाहरण चीन के सहायक विदेश मंत्री चेन जिआंगडोंग के बयानों से देखने को मिला. पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी सूची में शामिल करने के भारत के प्रयासों पर चीन के अड़ंगा डालने से दोनों देशों के मध्य उपजे तनाव के बीच चीन ने कहा कि वह द्विपक्षीय संबंधों के सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने को तैयार है.
चीन ने पठानकोट आंतकवादी हमले के मास्टरमाइंड मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के भारत, अमेरिका और अन्य देशों के प्रयासों में गुरुवार को चौथी बार अड़ंगा लगा दिया था. चीन के अनुसार इस पर प्रतिबंध समिति के सदस्यों के बीच आम सहमति नहीं है. भारत ने चीन के इस कदम पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि तुच्छ उद्देश्यों के लिए ‘‘आंतकवाद के प्रति उदारता दिखाना’’ कम दूरदृष्टि और अनुपयोगी है.
इसी के बाद चीन के सहायक विदेश मंत्री चेन जिआंगडोंग ने आज मीडिया से कहा कि चीन भारत के साथ अपने संबंधों को बेहद महत्व देता है. जिआंगडोंग ने कहा, भारत चीन का अहम पड़ोसी मुल्क है. उन्होंने कहा कि चीन नए युग में चीनी गुणधर्म वाली पड़ोसी कूटनीति के तहत पड़ोसियों के साथ संबंध बनाने की योजना बना रहा है. जिसकी अवधारणा हाल ही में संपन्न सत्तारूढ़ कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना की बैठक में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने दी थी.
सहायक विदेश मंत्री ने ब्योरा दिए बगैर कहा कि हम नए युग में चीनी गुणधर्म वाली कूटनीति पर चलते हुए भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को लगातार आगे बढ़ाने के लिए काम करने पर सहमत हैं. चीन के विदेश मंत्री वांग यी अगले माह रूस, भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने के लिए नई दिल्ली जाएंगे. इस दौरान वह भारतीय नेतृत्व से शी के दूसरे कार्यकाल में द्विपक्षीय संबंधों पर भी चर्चा करेंगे.