केंद्र सरकार के कर्मचारी अब नए आवास के निर्माण अथवा खरीद के लिए 8.50 प्रतिशत के साधारण ब्याज पर 25 लाख रुपये अडवांस ले पाएंगे। इससे पहले अधिकतम सीमा 7.50 लाख रुपये थी और ब्याज की दर छह प्रतिशत से 9.50 प्रतिशत के बीच थी।
आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 20 वर्ष के लिए 25 लाख रुपये ऋण देने वाली अन्य कंपनियों की तुलना में हाउसिंग बिल्डिंग अडवांस का लाभ उठा कर करीब 11 लाख रुपये बचाए जा सकते हैं। उन्होंने इसे समझाते हुए कहा कि अगर एसबीआई जैसे बैंक से 25 लाख का लोन 20 वर्ष के लिए लिए वर्तमान के 8.35 प्रतिशत के चक्रवृद्धि ब्याज की दर से लिया जाता है तो इस पर 21,459 रुपये की मासिक किश्त बनती है।
उन्होंने कहा कि 20 वर्ष के अंत में चुकाई जाने वाली राशि 51.50 लाख हो जाती है, जिसमें ब्याज की 26.50 लाख रुपये की रकम भी शामिल है। वहीं अगर यही लोन एचबीए से 20 वर्ष के लिए 8.50 प्रतिशत के साधारण ब्याज पर लिया जाए तो पहले 15 वर्षों के लिए मासिक किश्त 13,890 रुपये की बनती है और इसके बाद की किश्त 26,411 रुपये प्रतिमाह की आती है। इस प्रकार कुल अदा की गई कुल राशि 40.84 लाख रुपये होगी, जिसमें ब्याज के 15.84 लाख रुपये शामिल हैं।
खास बात यह है कि यदि कोई दंपति केंद्र सरकार का कर्मचारी है तो वे अब इस योजना का फायदा अलग-अलग और एक साथ भी उठा सकते हैं। इससे पहले दोनों में से कोई एक ही यह लाभ ले सकता था।