कोलंबो; चोटों से परेशान रहे भारतीय सलामी बल्लेबाज के एल राहुल ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के दौरन मुश्किल दौर में कप्तान विराट कोहली के समर्थन को आत्मविश्वास बढ़ाने वाला करार दिया। राहुल वाइरल बुखार के कारण पहले टेस्ट में नहीं खेल पाये थे लेकिन उन्होंने दूसरे मैच में वापसी की और चेतेश्वर पुजारा के साथ गफलत के कारण रन आउट होने से पहले 57 रन बनाए।
पहले दिन का खेल समाप्त होने के बाद राहुल ने कहा कि यह पता होने से कि अंतिम एकादश में उनकी जगह सुरक्षित है, उन्हें अपनी चोटों से उबरने में मदद मिली। कोहली ने मैच की पूर्व संध्या पर भी स्पष्ट कर दिया था कि राहुल के फिट होने पर ही वही मैच में खेलेगा। राहुल ने कहा, ‘इससे बडा अंतर पैदा होता है। इससे मेरा काफी आत्मविश्वास बढ़ा। केवल अभी ही नहीं बल्कि ऑपरेशन के बाद भी सहयोगी स्टाफ, कोचों और साथी खिलाड़ियों ने लगातार मुझे संदेश भेजे और पूछते रहे कि तुम कब तक पूरी तरह फिट हो जाओगे, टीम को तुम्हारी कमी खल रही है। इस तरह की छोटी-छोटी चीजें काफी अंतर पैदा करती हैं।’
उन्होंने कहा, ‘इससे मेरा मनोबल बना रहा। इससे मेरा हर सुबह उठकर फिजियोथेरेपी के जाने का मन बना रहा है। जब टीम आपका का समर्थन करती है, आप पर भरोसा करती है और टीम में आपकी वापसी का इंतजार किया जा रहा हो तो इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ता है और इससे बडा अंतर पैदा होता है। मैंने काफी आत्मविश्वास के साथ वापसी की।’
राहुल तब बहुत अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे जब पुजारा के साथ गफलत में वह रन आउट हो गये। पुजारा अभी 128 रन बनाकर खेल रहे हैं। राहुल ने कहा, ‘मैं उससे गुस्सा नहीं था। रन आउट होते रहते हैं. यह किसी के साथ भी हो सकता है। यह उसके साथ भी हो सकता था और यह मेरी गलती हो सकती थी। मैं इसको लेकर निराश नहीं था। मैं इसलिए निराश था कि मैं लंबे समय तक टीम से बाहर रहा और मैं आउट नहीं होना चाहता था।’