छत्तीसगढ़ के भिलाई स्टील प्लांट में लगी भीषण आग, 13 की मौत

गंभीर रूप से घायल करीब 15 लोगों को भिलाई के सेक्टर-9 अस्पताल में उपचार के लिए दाखिल कराया गया है

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : छत्तीसगढ़ स्थित सेल के भिलाई स्टील प्लांट में मंगलवार की सुबह करीब 11 एक बड़ा हादसा हो गया। यहां गैस पाइप लाइन फटने से आग लग गई। उस वक्त वहां करीब 30 कर्मचारी काम पर तैनात थे। इस धमाके में 13 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। घटनास्थल से शवों को बाहर निकला जा रहा है। गंभीर रूप से घायल करीब 15 लोगों को भिलाई के सेक्टर-9 अस्पताल में उपचार के लिए दाखिल कराया गया है। इनमें से 13 लोगों की हालत गंभीर बताई गई है। इस आग के चलते प्लांट में जहरीली गैस का रिसाव भी हो रहा है।जानकारी के मुताबिक मंगलवार की दोपहर प्लांट के कोक ओवन के बैटरी नंबर 11 में काम चल रहा था। इसी बीच गैस पाइप लाइन में अचानक ब्लास्ट हुआ और इसके बाद यहां भीषण आग लग गई। वहां उस वक्त करीब 30 कर्मचारी काम कर रहे थे। घटना के बाद वहां अफरा-तफरी मच गई। तत्काल फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची, लेकिन आग की लपटें इतनी भीषण थी कि इस पर काबू पाने के लिए दमकल कर्मियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी।घटना में अब तक 13लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। शवों को वहां से निकालने का काम जारी है। घटना की सूचना मिलते ही आईजी जीपी सिंह और एसपी डॉ संजीव शुक्ला तत्काल दल बल के साथ मौके पर पहुंचे। सीआईएसएफ और पुलिस बल ने घटना के बाद पूरे इलाके को सील कर दिया गया है। हादसे की सूचना फैलते ही बड़ी तादात में लोग प्लांट और सेक्टर-9 अस्पताल में जमा हो गए। संयंत्र में लंबे समय से छोटी-बड़ी घटनाएं हो रही थीं, लेकिन प्रबंधन इसे नजरअंदाज करता आ रहा था।भिलाई स्टील प्लांट के रखरखाव में बरती गई लापरवाही और धांधली को उजागर करने वाली विशेष पड़ताल दैनिक जागरण ने गत माह ही (14 सितंबर के अंक में) प्रमुखता से प्रकाशित की थी। ‘लापरवाही की भेंट चढ़ा देश को फौलादी बनाने वाला स्टील प्लांट’ शीर्षक से प्रकाशित पड़ताल में उजागर किया गया था कि किस तरह भिलाई स्टील प्लांट की मशीनरी और भट्ठियां रखरखाव के अभाव में खतरनाक बन चुकी हैं।2004 से प्लांट का रखरखाव बाधित है जबकि 2007 में प्लांट के आधुनिकीकरण-विस्तारीकरण के लिए 18 हजार करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत हुई, जिसे अब तक पूरा नहीं किया जा सका है। इसे लेकर धांधली के भी आरोप सामने आए, लेकिन जांच नहीं हुई और मामला दब गया। खबर में बताया गया था कि अस्थाई व अकुशल ठेका श्रमिकों से काम कराने के कारण भी दुर्घटनाएं बढ़ीं। 2015 से 2018 तक कुल 25 श्रमिक यहां काम के दौरान मारे गए हैं।भिलाई स्टील प्लांट की इस दुर्घटना ने एक बार फिर इंडस्ट्रियल एक्सीडेंट की तरफ सबका ध्यान खींचा है। भारत और दुनिया में यह पहला मौका नहीं है, जब इस तरह का हादसा हुआ हो। ऊंचाहार एनटीपीसी हादसे से लेकर भोपाल गैस कांड तक ऐसे कई इंडस्ट्रियल एक्सीडेंट हो चुके हैं। देश के कुछ बड़े इंडस्ट्रियल एक्सीडेंट के बारे में भी चर्चा करेंगे। हादसे की खबर लगते ही केंद्रीय इस्पात मंत्रालय भी हरकत में आ गया है। केंद्रीय इस्पात मंत्री चौधरी वीरेंद्र सिंह ने बीएसपी प्रबंधन से फोन पर चर्चा की और हादसा क्यों हुआ, इस पर पूरी रिपोर्ट तैयार कर तत्काल मंत्रालय को अवगत कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही घायलों के यथोचित इलाज के लिए पूरी व्यवस्था के निर्देश दिए हैं। वहीं गृह मंत्रालय ने भी हादसे को लेकर बीएसपी प्रबंधन से रिपोर्ट मांगी है। हादसे को लेकर मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने गहरा दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट कर भिलाई स्टील प्लांट हादसे में जान गंवाने वाले भाई बंधुओं के प्रति दुख प्रकट किया और उनके परिवार को धैर्य प्रदान करने और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य की कामना ईश्वर से की। जब भी औद्योगिक हादसों की बात होती है तो भारत में हमेशा भोपाल गैस त्रासदी का नाम सबसे ऊपर होता है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हुए इस इंटस्ट्रियल एक्सीडेंट को दुनिया का सबसे खतरनाक हादसा भी कहा जा सकता है। 2-3 दिसंबर 1984 को भोपाल में यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड पेस्टीसाइड प्लांट में गैस लीक होने से 3700 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी, जबकि गैर आधिकारिक आंकड़ा 16000 से अधिक है। यही नहीं इस हादसे में 5 लाख से ज्यादा लोगों को मिथाइल आसोसाइनेट गैस व अन्य कैमिकल के संपर्क में आ गए थे।उत्तर प्रदेश के ऊंचाहार स्थित में स्थित नेशनल थर्मल पॉवर कॉर्पोरेशन के प्लांट की एक यूनिट में आग लग गई थी। इस हादसे में करीब 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। हादसे में लाखों के नुकसान की आशंका जताई गई थी, जबकि प्रबंधन ने नुकसान से साफ इंकार कर दिया था।

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