भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को तगड़ा झटका लगा है। प्रशासन ने पांच जून को उन्हें अयोध्या में रैली करने की अनुमति नहीं दी है। इसके बाद सांसद ने बयान जारी कर रैली रद्द करने की घोषणा की है।
जारी किए गए बयान में कहा है कि प्रिय शुभचिंतकों… मैं 28 साल से आपके स्नेह से लोकसभा सदस्य के रूप में एक संवैधानिक पद पर हूं। सत्ता और विपक्ष में रहते हुए मैंने सदैव जाति, सम्प्रदाय और सभी धर्म के लोगों को एक साथ लेकर चलने की कोशिश की है। इन्हीं कारणों से मेरे राजनैतिक विरोधी और उनके दल मुझ पर झूठे आरोप लगाते रहे हैं।
वर्तमान घटनाक्रम में कुछ राजनैतिक दल अपना भविष्य तलाश रहे हैं और जगह- जगह सभा करके प्रांतवाद, क्षेत्रवाद और जातीय संघर्ष को भड़काकर सामाजिक सौहार्द्र खराब करने में लगे हैं। मैं राष्ट्रद्रोही ताकतों को सामाजिक समरसता खराब करने का मौका मिले मैं इसका पक्षधर नहीं हूं। समाज में फैलती बुराई पर चिंतन करने के लिये पूज्य संत 5 जून को अयोध्या मेंएक संत सम्मलेन करना चाहते थे लेकिन अभी पुलिस आरोपों की जांच कर रही है इसलिए उच्चतम न्यायालय के सम्मान में पूज्य संतो के परामर्श पर उनकी आज्ञा का पालन करते हुए ‘जन चेतना महारैली 5 जून अयोध्या चलो’ कार्यक्रम स्थगित किया गया है। मर्यादित तरीके से सभी धर्मों, जातियों और प्रांतो के लाखों समर्थकों, शुभचिंतकों ने इस मुद्दे पर मेरा समर्थन किया है इसलिए सबका आभार व्यक्त करते हुए विश्वास दिलाता हूं कि मैं और मेरा परिवार हमेशा आपका ऋणी रहेगा।
प्रस्तावित रैली में अयोध्या के महंत पॉक्सो एक्ट में संशोधन करने की मांग उठाने वाले थे। इस संबंध में आयोजित हुई प्रेस वार्ता में संतों ने कहा था कि कुछ कानून का गलत इस्तेमाल हो रहा है। पांच जून को संत समाज एकत्रित होकर कुछ कानून में संशोधन करने की मांग उठाएंगे। उन्होंने सांसद बृजभूषण शरण सिंह का समर्थन करते हुए कहा कि उन पर जो आरोप लगे हैं, इसमें कुचक्र दिख रहा है।
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