अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की ओर से फर्जी बाबाओं की सूची जारी करने वाले महंत मोहन दास हरिद्वार से कल्याण (मुम्बई) की यात्रा के दौरान रास्ते में लापता हो गए हैं। उनके मोबाइल की अंतिम लोकेशन रविवार शाम को मेरठ में मिली है, मगर उनका कोई पता नहीं चल पाया है। राजकीय रेलवे पुलिस अधीक्षक, भोपाल (एसपी, जीआरपी) अनीता मालवीय ने बताया कि महंत मोहन दास हरिद्वार-लोकमान्य तिलक टर्मिनल गाड़ी क्रमांक 12172 के ए-वन कोच में यात्रा कर रहे थे। वे निजामुद्दीन स्टेशन पर उतरे थे। उसके बाद उन्हें किसी भी यात्री व अटेंडेंट ने नहीं देखा।’
रेलवे पुलिस के मुताबिक, गाड़ी नौ घंटे की देरी से चल रही थी और शनिवार रात साढ़े सात बजे भोपाल पहुंची। उनका एक सेवादार भोजन देने गाड़ी पर आया तो महंत नहीं मिले। उसने इस बात की सूचना अन्य लोगों को दी। मालवीय बताती हैं कि जब उन्हें सूचना मिली तब तक गाड़ी भुसावल स्टेशन तक पहुंच चुकी थी। भुसावल जीआरपी ने संबंधित कोच ए-वन की सीट 22 पर जाकर देखा तो वहां कुछ सामान रखा हुआ था। महंत के लापता होने की बात तब सामने आई जब गाड़ी रविवार को कल्याण रेलवे स्टेशन पहुंची और उनकी अगवानी के लिए आए लोगों को महंत नहीं मिले, लेकिन उनका सामान जरूर मिला।