मुंबई : आखिर कहाँ बैठेंगे वैध फेरीवाले

वैध फेरीवाले आखिर बैठेंगे कहां, इस पर मंथन जारी है। बीएमसी 67,000 से अधिक फेरीवालों के बैठने के तय स्थान को बुधवार तक वेबसाइट पर डाल देगी। इससे पहले भी 22,000 से अधिक पिच (फेरीवालों के बैठने की जगह) की सूची जाहिर कर दी गई है। इन पर 31 जनवरी तक सुझाव/ आपत्ति जमा की जा सकेगी। इसके बाद उन सुझावों पर सुनवाई शुरू होगी। ऐसे में, फेरीवालों को बैठने का तय स्थान 3 महीने बाद ही मिल सकता है।


इससे पहले वेबसाइट पर प्रकाशित की गई सूची पर बड़ी संख्या में सुझाव आ रहे हैं। लाइसेंस विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि हमें कई अच्छे सुझाव भी मिल रहे हैं। जैसे, सप्ताह मार्केट का आयोजन करने जैसे। यानी, एक फेरीवाला हर दिन अलग-अलग इलाकों में सप्ताह मार्केट में हिस्सा ले, जहां सामान्य जगहों की तुलना में अधिक लोग आते हैं। हम सभी सुझावों पर अध्ययन कर रहे हैं। वहीं, हीरानंदानी परिसर में रहने वाले रहिवाशियों ने उनके इलाके में फेरीवालों को न बैठाने का अनुरोध किया है।

अधिकारियों ने जांच में संबंधित स्थानों की पर अतिव्यवस्थित ढंग की व्यवस्था लागू करने की जरूरत को रेखांकित किया। अधिकारी ने बताया कि हम अंतिम सुझाव के बाद इस सूची में कुछ बदलाव करेंगे लेकिन अंतिम फैसला टाउन वेंडिंग कमिटी (टीवीसी) ही करेगी। गौरतलब है कि तमाम निवासी संगठनों द्वारा फेरीवालों को उनके इलाके में न बैठाने को लेकर अधिकतर सुझाव दिए जा रहे हैं। इस मामले में जनप्रतिनिधियों की ओर से भी तमाम सुझाव दिए जा रहे हैं।

जोनल टीवीसी पर संकट
फेरीवाला कानून व्यवस्थित ढंग से लागू करने के लिए टीवीसी के गठन पर संकट आ गया है। दरअसल, एनजीओ के प्रतिनिधियों द्वारा आवेदन न करने के चलते यह दिक्कत पैदा हो रही है। एक अधिकारी ने बताया कि हमने टीवीसी में एनओसी के प्रतिनिधियों को शामिल करने के लिए आवेदन मंगाए थे, लेकिन कोई खास प्रतिसाद नहीं मिला। ऐसे में, हम फिर से आवेदन मंगवा रहे हैं, जिसके बाद ही इसे अंतिम मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा जाएगा। गौरतलब है कि मुख्य टीवीसी पॉलिसी पर फैसले लेगी, जबकि 7 जोनल टीवीसी का जोर फैसलों को बेहतर ढंग से लागू करने पर होगा।




अभी काफी काम बाकी
पहले के सर्वे में हिस्सा लिए वैध फेरीवालों के कागजात की जांच भी शुरू कर अंतिम सूची बनाई जाएगी। इसके बाद उनके बायोमैट्रिक लेकर उन्हें बैठने के लिए अंतिम प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा। इस व्यवस्था में दिव्यांगों, महिलाओं को विशेष रूप से बसाने पर ध्यान दिया जाएगा।

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