भोपाल.मध्य प्रदेश की राजधानी में हुए गैंगरेप पर जबलपुर हाईकोर्ट ने सुओ मोटो (स्वत: संज्ञान) लेते हुए सरकार को फटकार लगाई। पुलिस और डॉक्टर्स के रवैये को लापरवाही भरा बताते हुए हाईकोर्ट ने इसे ‘ट्रैजिडी ऑफ एरर्स’ (Tragedy of Errors) बताया। हाईकोर्ट ने सरकार से दो हफ्ते में एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश करने को कहा है। बता दें कि 31 अक्टूबर की शाम एक स्टूडेंट से हबीबगंज स्टेशन के पास चार लोगों ने गैंगरेप किया था। आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। पांच पुलिस अफसरों और दो डॉक्टर्स को सस्पेंड किया जा चुका है।
गैंगरेप मामले में गिरफ्तार किए गए दो आरोपी।
सोमवार को हाईकोर्ट ने भोपाल गैंगरेप मामले की सुनवाई की। पुलिस और डॉक्टरों के काम करने के तरीके पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस विजय शुक्ला की बेंच ने इसे ‘ट्रैजिडी ऑफ एरर्स’ बताया. सरकार की तरफ से पेश हुए एडवोकेट जनरल पुरुषेंद्र कौशल से दो हफ्ते में एक्शन टेकन रिपोर्ट देने को कहा। अगली सुनवाई 27 नवंबर को होगी।
विक्टिम से 31 अक्टूबर की शाम गैंगरेप हुआ। पुलिस ने 24 घंटे बाद यानी 1 नवंबर को एफआईआर दर्ज की। इसके बाद जब विक्टिम का सुल्तानिया लेडी हॉस्पिटल में मेडिकल कराया गया तो उसकी रिपोर्ट भी गलत दे दी गई। पहली मेडिकल रिपोर्ट में कहा गया कि विक्टिम ने सहमति से संबंध बनाए। मीडिया में रिपोर्ट लीक हो गई तो अगले दिन दूसरी रिपोर्ट तैयार की गई। इसमें कहा गया कि विक्टिम गैंगरेप का शिकार हुई। हाईकोर्ट ने चीफ सेक्रेटरी, डीजीपी और हेल्थ डिपार्टमेंट के अफसरों को नोटिस जारी किए हैं। सरकार ने हाईकोर्ट में माना कि इस मामले में गलती हुई। सरकार ने कहा कि उसने कुछ अफसरों को सस्पेंड किया है। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि यह कार्रवाई तो दबाव में की गई है। हाईकोर्ट ने दो हफ्ते में एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगी और भोपाल कोर्ट में हर रोज इस मामले की सुनवाई करने को कहा। सरकार से यह भी कहा गया है कि जिन अफसरों पर कार्रवाई की गई है, उनकी चार्जशीट भी पेश करनी होगी।