पुलिस ने झूठे केस में फंसाया, सुसाइड नोट लिख दंपति ने दी जान

मैं और मेरी पत्नी आत्महत्या कर रहे हैं। मैं पुलिस को बार-बार खुद को बेगुनाह बताता रहा लेकिन पुलिस ने मेरी एक न सुनी। नकुड़ के इंस्पेक्टर ने मेरी एक न सुनी और मुझे झूठा फंसा दिया। यह सब लिखकर एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर मौत को गले लिया। इस दंपति की मौत हो गई है, जिसके बाद संबंधित इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया है।

प्रवीण ने लाश मिलने की सूचना पुलिस को दी थी दंपत्ति द्वारा आत्महत्या की बात पर आगे बढ़ने से पहले यहां बता दें कि पूरा मामला क्या है? करीब पंद्रह दिन पहले सहारनपुर जनपद की कोतवाली नकुड़ के गांव साल्हापुर के जंगल में स्थित ट्यूबवेल पर गांव के ही रहने वाले सौरभ की लाश मिली थी। लाश मिलने की सूचना सबसे पहले गांव गाजीवाला निवासी प्रवीण उर्फ काला ने पुलिस को दी थी। इसके बाद नकुड़ पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा था। इस मामले में पुलिस ने गांव साल्हापुर निवासी एक युवक को जेल भेजा दिया था।
इंस्पेक्टर ने पति-पत्नी को किया प्रताड़ित बताया जाता है कि इस मामले को लेकर नकुड़ पुलिस द्वारा काफी समय से प्रवीण उर्फ काला के घर पर दबिश दे रही थी। प्रवीण बार-बार यही कहता रहा कि वह बेगुनाह है और उसने शव को देखकर केवल पुलिस को सूचना दी थी। प्रवीण की पत्नी मोनिका ने भी इस बाबत कई बार एसएसपी से मुलाकात कर उनका उत्पीड़न किए जाने की शिकायत की थी लेकिन पुलिस इस मामले में कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हो रही थी।

सुसाइड नोट लिख कर ली खुदकुशी रविवार की सुबह प्रवीण ने एक सुसाइड नोट लिखा और खुद को हत्याकांड में बेगुनाह बताते हुए अपनी पत्नी मोनिका के साथ मिलकर जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया। प्रवीण की तो सुबह ही मौत हो गई थी, लेकिन उसकी पत्नी मोनिका ने भी रविवार की दोपहर बाद दम तोड़ दिया। प्रवीण द्वारा सुसाइड नोट में नकुड़ इंस्पेक्टर संजय वर्मा और गांव साल्हापुर निवासी सतीश आर्य को अपनी मौत का जिम्मदार करार दिया गया है। बता दें कि सतीश आर्य पुलिस का दलाल बताया जाता है जो इंस्पेक्टर के साथ मिलकर प्रवीण का नाम केस से निकालने के लिए पांच लाख रुपये की डिमांड कर रहा था।

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