अरुणाचल प्रदेश: तवांग में भारत-चीन के सैनिकों में झड़प, कई सैनिक घायल, सीमा पर निगहबानी की जिम्मेदारी आईटीबीपी के जिम्मे

(एन एल एन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : अरुणाचल प्रदेश से बड़ी खबर आ रही है। यहां भारत और चीन के सैनिकों में झड़प हुई है। सेना सूत्रों के अनुसार तवांग में हुई झड़प में दोनों देशों के कई सैनिक घायल हुए हैं। जानकारी के मुताबिक 9 दिसंबर को ईस्टर्न लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल में तनाव के बीच अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारतीय और चीनी सैनिकों की झड़प हुई थी। आईटीबीपी के जवानों की तरफ से चीन की सभी हरकत पर नजर बनाए रखने के लिए कई जगहों पर लॉन्ग रेंज पेट्रोलिंग (LRP) और शॉर्ट रेंजर पेट्रोलिंग (SRP) की संख्या बढ़ा दी गई है। भारतीय सेना चीन की सभी हरकतों पर अपनी नजर बनाए हुए है। चीन के कुल 300 सैनिक आए थे। इस झड़प में छह भारतीय सैनिक घायल हुए हैं। जिन्हें गुवाहटी अस्पताल में लाया गया है।
सेना के मुताबिक अरुणाचल प्रदेश में तवांग सेक्टर में एलएसी के साथ कुछ क्षेत्रों में अलग-अलग सेक्टर के क्षेत्र हैं, जहां दोनों पक्ष अपने दावे की सीमा तक क्षेत्र में गश्त करते हैं। यह व्यवस्था यहां साल 2006 से चल रही है। 9 दिसंबर को पीएलए के सैनिकों ने तवांग सेक्टर में एलएसी को टच किया। जिसका भारत के सैनिकों ने दृढ़ता से मुकाबला किया। इस आमने-सामने की लड़ाई में दोनों पक्षों के कुछ कर्मियों को मामूली चोटें आईं। हालांकि इसके बाद दोनों पक्ष तुरंत क्षेत्र से हट गए। घटना की अनुवर्ती कार्रवाई के रूप में, क्षेत्र में देश के कमांडर ने शांति बहाली के लिए अपने समकक्ष के साथ एक फ्लैग मीटिंग की।
गलवानी घाटी में चीन की धोखेबाजी के बाद भारत- चीन सीमा विवाद अपने चरम पर पहुंच गया। जिसके बाद भारत-चीन सीमा के सभी पोस्ट पर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। चीन से लगी भारतीय सीमाओं वाले राज्यों, जैसे- उत्तराखंड, हिमाचल, अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख में आईटीबीपी की सभी 180 से ज्यादा चौकियों पर अलर्ट जारी कर दिया गया है।
भारतीय सैनिकों ने मजबूती और दृढ़ तरीके से दिया जवाब —-सेना के अनुसार, चीनी सैनिकों की हिमाकत का भारतीय सैनिकों ने मजबूती और दृढ़ तरीके से जवाब दिया। झड़प के बाद दोनों सेनाओं के स्थानीय कमांडरों ने एक फ्लैग मीटिंग भी की, जिसमें इलाके में शांति बहाल करने के लिए तय तंत्र के तहत मुद्दे पर चर्चा की गई। सेना ने कहा कि तवांग सेक्टर के कुछ इलाकों में LAC को लेकर भारत और चीन की अलग-अलग धारणा है और दोनों पक्ष अपने दावे के इलाके तक गश्त करते हैं।

पिछले दो साल में भारतीय और चीनी सैनिकों की पहली झड़प — बता दें कि पिछले लगभग दो साल में भारत और चीन के सैनिकों के बीच ये पहली झड़प है। इससे पहले वो आखिरी बार जनवरी, 2021 में सिक्किम में आमने-सामने आए थे। चीनी सैनिकों के नाकू ला सेक्टर में घुसपैठ की कोशिश करने के बाद यह झड़प हुई थी। झड़प में चीन के 20 और भारत के चार सैनिक घायल हुए थे। अप्रैल, 2020 में भी नाकू ला में दोनों देशों के सैनिक आपस में भिड़ गए थे।
अप्रैल, 2020 से LAC पर बना हुआ है तनाव — गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच अप्रैल, 2020 से LAC पर तनाव बना हुआ है। तब चीन ने पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में घुसपैठ कर दी थी। उसकी इस हरकत के बाद गलवान घाटी, पैंगोंग त्सो और गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स इलाकों में दोनों सेनाएं आमने-सामने आ गई थीं और 15 जून, 2020 को गलवान में तनाव हिंसा में बदल गया। इसी खूनी संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हुए तो कई चीनी सैनिकों भी मारे गए।
कई इलाकों में पीछे हटे सैनिक, कई में अभी भी आमने-सामने —- कई दौर की सैन्य वार्ता के बाद गोगरा पोस्ट, पैंगोंग झील के किनारों और हॉट स्प्रिंग से तो दोनों देशों के सैनिक वापस हट चुके हैं, लेकिन देप्सांग के मैदानी इलाकों और डेमचोक में अभी भी दोनों सेनाएं आमने-सामने हैं।
देप्सांग के मैदानी इलाकों में चीनी सैनिक भारतीय सैनिकों को पांच पेट्रोलिंग प्वाइंट तक गश्त से रोक रहे हैं, वहीं डेमचोक में कुछ चीन ने LAC से भारत की तरफ वाले इलाके में टैंट लगाए हुए हैं।
अरुणाचल प्रदेश में भी चीन ने की घुसपैठ, बसाए दो गांव —- चीन ने लद्दाख के अलावा अरुणाचल प्रदेश में भी घुसपैठ की है और यहां भारतीय सीमा के अंदर घुसकर दो गांव बसा लिए हैं। चीन ने एक गांव अरुणाचल प्रदेश के शी-योमी जिले में बनाया है और इसमें लगभग 60 घर हैं। ये गांव भारतीय सीमा के छह-सात किलोमीटर अंदर है। चीन द्वारा बसाए गए दूसरे गांव में लगभग 100 घर हैं। इसके अलावा चीन ने अरुणाचल प्रदेश की 15 जगहों के नाम भी बदल दिए हैं।

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