भाजपा नेता ने ट्वीट कर के कहा – बंगाल में थिएटर मालिकों को मिल रही धमकी

भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय का दावा है कि पश्चिम बंगाल में जिन थिएटरों में फिल्म 'द केरला स्टोर' दिखाई जा रही है उनके मालिकों को स्थानीय प्रशासन द्वारा धमकी दी जा रही है। उन्होंने दावा किया है कि सुप्रीम कोर्च की तरफ से पश्चिम बंगाल में फिल्म पर लगे बैन को हटा लिया गया है।

(एन एल एन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): जब से फिल्म ‘द केरला स्टोर रिलीज़ हुई है तब से ये फिल्म चर्चा का विषय बनी हुई है। अब इसे लेकर भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय का दावा है कि पश्चिम बंगाल में जिन थिएटरों में फिल्म ‘द केरला स्टोर’ दिखाई जा रही है उनके मालिकों को स्थानीय प्रशासन द्वारा धमकी दी जा रही है। उन्होंने दावा किया है कि सुप्रीम कोर्च की तरफ से पश्चिम बंगाल में फिल्म पर लगे बैन को हटा लिया गया है। बावजूद थिएटर मालिकों को फिल्म दिखाने पर प्रशासन धमकी दे रहा है। स्क्रीनिंग करने पर उन्हें दंडात्मक कार्रवाई की धमकी दी जा रही है और राज्य सरकार पश्चिम बंगाल में अपनी मनमानी चला रही है।

सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में फिल्म पर लगे प्रतिबंध को बीते दिनों हटा लिया था। बावजूद इसके डिस्ट्रीब्यूटर्स बंगाल में तमाम कोशिशों के बाद भी फिल्म की थिएटर मालिक फिल्म की स्क्रीनिंग करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। बता दें कि 8 मई को ममता बनर्जी ने शांति बनाए रखने की अपील की और फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। सरकार का इस फिल्म को लेकर कहना था कि अगर इसे प्रदर्शित किया गया तो राज्य में सांप्रदायिक गड़बड़ी हो सकती है। उन्होंने फिल्म ‘द केरल स्टोरी’को एक विकृत और दक्षिण के राज्यों को बदनाम करने वाला बताया।

फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ लगे प्रतिबंध को सुप्रीम कोर्ट ने हटा दिया है। इस फिल्म को कोर्ट ने एक काल्पनिक संस्करण बताया और कहा कि इस्लाम में परिवर्तित होने वाली महिलाओं की संख्या के दावों का कोई प्रमाणिक डेटा नहीं है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा फिल्म पर से पश्चिम बंगाल में लगे प्रतिबंध को हटाने के बाद भी कोई भी थिएटर मालिक फिल्म की स्क्रीनिंग करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। इस मामले पर अमित मालवीय का कहना है कि ममता बनर्जी द्वारा बैन लगाए जाने से पहले राज्य में फिल्म के लिए सभी थिएटर फुल थे। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन द्वारा सिनेमा हॉल मालिकों को धमकी दी जा रही है। साथ ही उन्हें बिल्डिंग, फायर लाइसेंस रद्द करने की धमकी दी जा रही है।

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