भाई और माँ की हत्या कर घर में ही जलाया, दोस्तों के साथ मिल कर की मां व भाई की हत्या

नशेड़ी युवक ने दो दोस्तों के साथ मिलकर मां व सौतेले भाई पर लोहे के सबल से वार कर हत्या कर दी। वारदात के बाद गुनाह छिपाने के लिए आरोपी ने मां की लाश के टुकड़े-टुकड़े करके तेल डालकर इसे घर में ही जला दिया। जबकि भाई की लाश को पास पड़ती कैथल-खन्नौरी ड्रेन में फेंक दिया। थाना शुतराणा पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है, लेकिन फिलहाल किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

(एन एल एन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): पंजाब के पटियाला स्थित पातड़ां के गांव कांगथला में नशेड़ी युवक ने दो दोस्तों के साथ मिलकर मां व सौतेले भाई पर लोहे के सबल से वार कर हत्या कर दी। वारदात के बाद गुनाह छिपाने के लिए आरोपी ने मां की लाश के टुकड़े-टुकड़े करके तेल डालकर इसे घर में ही जला दिया। जबकि भाई की लाश को पास पड़ती कैथल-खन्नौरी ड्रेन में फेंक दिया। थाना शुतराणा पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है, लेकिन फिलहाल किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

मृतकों की पहचान परमजीत कौर (50) व जसविंदर सिंह (20) के तौर पर हुई है। आरोपियों में परमजीत कौर का बड़ा बेटा गुरविंदर सिंह उर्फ गिंदा (28) व उसके दो दोस्त रजिंदर सिंह उर्फ राजा व रणजीत सिंह उर्फ राणा शामिल हैं। थाना शुतराणा इंचार्ज मनप्रीत सिंह ने बताया कि शनिवार रात करीब दो बजे गश्त के दौरान वह पुलिस पार्टी के साथ सागरा पुल पर मौजूद थे। इसी दौरान गांव कांगथला निवासी भगवान सिंह ने पुलिस टीम को जानकारी दी कि उसके ताया की बेटी परमजीत कौर गांव कांगथला में ही ब्याही हुई है।

परमजीत कौर के पड़ोसी प्रहलाद सिंह ने उसे फोन करके बताया है कि उसकी बहन के घर से धुआं उठ रहा है और कुछ जलाए जाने की भी बदबू आ रही है। इस पर जब वह गांव के कुछ गणमान्य लोगों के साथ अपनी बहन के घर पहुंचा, तो वहां परमजीत कौर व उसका छोटा बेटा मौजूद नहीं थे। उन्हें देखते ही घर से गुरविंदर सिंह अपने दोनों दोस्तों के साथ मौके से फरार हो गया। शक होने जब भगवान सिंह व अन्य लोगों ने आसपास देखा, तो घर में खून के धब्बे थे और कुछ जली हुई हडि्डयां व कपड़े एक कोने में पड़े थे।

इसके आधार पर तुरंत पुलिस टीम मौके पर गई और भगवान सिंह के बयान दर्ज करके मृतक परमजीत कौर के कंकाल को बरामद कर लिया। पुलिस ने तीनों आरोपियों को हत्या के केस में नामजद कर लिया है, लेकिन अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।प्राप्त जानकारी के अनुसार, आरोपियों ने अमृतधारी जसविंदर सिंह के केसों को काटने के बाद उसकी लाश को ड्रेन में फेंका था, ताकि पहचान न हो सके। यही वजह है कि गोताखोरों ने जब लाश बरामद की, तो खन्नौरी पुलिस ने इसे 72 घंटे मोर्चरी में रखा। लेकिन पहचान न होने के बाद 28 जून को शव का संस्कार करा दिया था। आज रिश्तेदारों की ओर से जसविंदर सिंह के फूलों की रस्म अदा की गई। उधर थाना इंचार्ज मनप्रीत सिंह का कहना है कि पुलिस अभी पक्के तौर पर खन्नौरी पुलिस द्वारा बरामद शव को जसविंदर सिंह के होने का नहीं कह सकती है। डीएनए जांच कराई जाएगी।

जानकारी के मुताबिक 23 जून से परमजीत कौर व उसका बेटा गांव में दिखाई नहीं दे रहे थे। जिससे पता लगता है कि आरोपियों ने वारदात को कईं दिन पहले अंजाम दिया था। जिसका खुलासा अब जाकर हुआ है। पुलिस अभी इस पर चुप्पी साधे है। कहा जा रहा है कि सोमवार को उच्चाधिकारी पत्रकार वार्ता करके पूरी जानकारी देंगे। पुलिस के मुताबिक आरोपी गुरविंदर सिंह नशे की बुरी लत का शिकार था। इसी वजह से उसकी पत्नी भी उसे छोड़कर चली गई थी। मां व छोटा भाई उसके नशे करने का विरोध करते थे। नशे के लिए आरोपी अपनी मां से पैसे मांगता था, लेकिन वह मना करती थी। जिसे लेकर भी अकसर लड़ाई-झग़डा रहता था।

पुलिस के मुताबिक परमजीत कौर की पहली शादी गांव असमानपुर के रहने वाले जानपाल सिंह के साथ हुई थी। इस शादी से आरोपी गुरविंदर सिंह पैदा हुआ था। शादी के थोड़े समय के बाद जानपाल सिंह जर्मन चला गया और फिर वापस नहीं लौटा। जिस पर परिवार वालों ने परमजीत कौर की दूसरी शादी रघुवीर सिंह निवासी गांव दताल से करा दी। साल 2008 में यह लोग जमीन बेच कर गांव कांगथला रहने लगे। दूसरी शादी से परमजीत कौर के जसविंदर सिंह पैदा हुआ। इनके पास करीब ढाई किला जमीन है। दूसरे पति रघुवीर सिंह की साल 2011 में मौत हो गई थी।

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