शराब घोटाला केस में मनीष सिसोदिया को नहीं मिली जमानत, ED ने 10 दिन की रिमांड मांगी
उपमुख्यमंत्री और पूर्व शिक्षामंत्री रहे मनीष सोदिया की जमानत अर्जी पर आज राऊज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हो रही है। मनीष सिसोदिया की तरफ से वकील दयान कृष्णन ने कोर्ट में कहा कि ये ईडी का मामला ही नहीं है। अगर ये ईडी का मामला है तो कोर्ट को यह दिखाना होगा कि शराब घोटाला मामले में लिया गया पैसा सिसोदिया के पास गया था।
(एन एल एन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): उपमुख्यमंत्री और पूर्व शिक्षामंत्री रहे मनीष सोदिया की जमानत अर्जी पर आज राऊज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हो रही है। मनीष सिसोदिया की तरफ से वकील दयान कृष्णन ने कोर्ट में कहा कि ये ईडी का मामला ही नहीं है। अगर ये ईडी का मामला है तो कोर्ट को यह दिखाना होगा कि शराब घोटाला मामले में लिया गया पैसा सिसोदिया के पास गया था। वकील ने कहा कि ईडी ये दिखा दें कि 1 रुपया भी सिसोदिया के पास गया।सिसोदिया की तरफ से वकील ने कहा कि सीबीआई मामले में हम कोर्ट के सामने जमानत पर बहस करने वाले थे। मुझे पहले कभी नहीं बुलाया गया। जमानत की सुनवाई से एक दिन पहले मुझे गिरफ्तार कर लिया गया।
दिल्ली शराब नीति केस में गिरफ्तार मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर अब 21 मार्च को सुनवाई होगी। वहीं, ED की ओर से सिसोदिया की रिमांड मांगने पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। कुछ ही देर में कोर्ट इस पर फैसला दे सकता है। एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया की 10 दिन की रिमांड मांगी है। ED सिसोदिया को लेकर दोपहर 2 बजे दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट पहुंची थी। इसके बाद स्पेशल जज एमके नागपाल ने पहले ED की रिमांड पर सुनवाई शुरू की। कोर्ट में ED का पक्ष एडवोकेट जोहेब हुसैन ने रखा। ED ने कहा है कि शराब नीति केस में 7 और लोगों को नोटिस भेजा है ताकि उन्हें सिसोदिया के आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की जा सके। इसके लिए हम सिसोदिया की 10 दिन की रिमांड मांग रहे हैं।
ED के वकील जोहैब हुसैन ने कहा, ‘सिसोदिया के असिस्टेंट विजय नायर इस पूरी साजिश को कोऑर्डिनेट कर रहा था। इस घोटाले में सरकारी तंत्र, बिचौलिये और कई अन्य लोग शामिल हैं। ये साजिश नायर, सिसोदिया, तेलंगाना के चीफ मिनिस्टर के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता और कई दूसरे लोगों ने मिलकर रची।’ उन्होंने कहा, ‘दक्षिण के ग्रुप ने आप नेताओं को 100 करोड़ की घूस दी। एक ग्रुप बनाया गया ताकि दिल्ली में 30% शराब कारोबार को चलाया जा सके। दस्तावेज दिखाते हैं कि नायर ने सिसोदिया के प्रतिनिधि के तौर पर कविता से मुलाकात की। नायर कविता को यह बताना चाहता था कि सिसोदिया किस तरह से लिकर पॉलिसी को प्रभावित कर सकते हैं।’
उन्होंने दलील दी, ‘एक फोन भी सिसोदिया के नाम पर नहीं थे। एक सिम कार्ड देवेंदर शर्मा के नाम पर था। यह दिखाता है कि इस केस में बड़े पैमाने पर सबूतों को तबाह किया गया। आप खुद देखिए कि हम सिसोदिया की कस्टडी क्यों चाहते हैं। यह शुरुआत से ही टालमटोल कर रहे हैं।’
ED ने कहा कि मनी ट्रेल का पता लगाना है। इस मामले में डिजिटल साक्ष्यों को नष्ट करने का मकसद जांच को भटकाना था। मनीष सिसोदिया ने एक साल के भीतर 14 फोन को नष्ट किया, दूसरे नाम पर सिम कार्ड और फोन को खरीदा। एक्सपर्ट कमेटी के सुझाव को नहीं माना, प्रॉफिट मार्जिन को बढ़ाया गया, दक्षिण भारत ग्रुप को फायदा पहुंचाया गया। रिटेलर को बड़ी मात्रा में लाभ पहुंचाया गया। पॉलिसी के निर्माण में गड़बड़ी की गई।