QUAD देश- भारत, जापान, ऑस्‍ट्रेलिया और अमेरिका का, LAC से इंडो-पैसिफिक तक युद्धाभ्‍यास की तैयारी

(एन एल एन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : मित्र देशों संग सैन्‍य सहयोग बढ़ाने के लिए भारत की पहल, 8 नवंबर से 18 नवंबर के बीच मालाबार एक्‍रसाइज चलेगी । QUAD देशों- भारत, जापान, ऑस्‍ट्रेलिया और अमेरिका के जंगी जहाज, पनडुब्बियां, लड़ाकू विमान, हेलिकॉप्‍टर्स आदि चीन बॉर्डर के पास युद्धाभ्‍यास करेंगे । मालाबार एक्‍सरसाइज में मल्‍टी-रोज स्‍टील्‍थ फ्रिगट INS शिवालिक, ऐंटी-सबमरीज कॉर्वेट INS कमोर्टा और एक P-8I लॉन्‍ग-रेंज मैरिटाइम पैट्रोल एयरक्राफ्ट शामिल होंगे। अमेरिका के साथ जमीन पर युद्धाभ्‍यास के लिए भी भारत कमर कस चुका है। बटालियन स्‍तर का ‘युद्धाभ्‍यास’ उत्‍तराखंड के औली में 15 नवंबर से 2 दिसंबर के बीच होगा। यह जगह चीन से लगती LAC से बमुश्किल 100 किलोमीटर दूर है। एक अधिकारी ने कहा, ‘युद्धाभ्‍यास में दोनों ओर से करीब 350-350 सैनिक रहेंगे। पहाड़ों और बेहद ठंडे वातावरण में इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप्‍स को परखा जाएगा।’
भारत ने सिंगापुर के साथ बंगाल की खाड़ी में SIMBEX नेवल एक्‍सरसाइज बुधवार से शुरू कर दी है। साल खत्‍म होते-होते दुनिया QUAD देशों का दम देखेगी। फिर चाहे वह मालाबार नेवल एक्‍सरसाइज हो या ऑस्‍ट्रेलिया और तीन आसियान देशों संग इन्‍फैंट्री युद्धाभ्‍यास। चीन से लगती वास्‍तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास भारत और अमेरिका दुर्गम इलाकों में युद्ध का अभ्‍यास करेंगे। 8 से 18 नवंबर के बीच मालाबार एक्‍सरसाइज होनी है। जापान के योकुसाका में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्‍ट्रेलिया के युद्धपोत, पनडुब्बियां, लड़ाकू विमान और हेलिकॉप्‍टर्स जुटेंगे। इन QUAD देशों ने चीन के विस्‍तारवादी रुख को देखते हुए हिंद-प्रशांत में किसी ‘जबर्दस्‍ती’ का जवाब देने की ठानी है। इधर हिंद-प्रशांत में QUAD का दम दिखेगा, उधर इन महाशक्तियों की यारी से चीन का खून जलेगा। QUAD देश साफ कर चुके हैं कि वे चीन की बेजा हरकत का मिलकर जवाब देंगे। इस भागीदारी में AUKUS भी शामिल है। यह अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और ऑस्‍ट्रेलिया का समूह है जो केनबरा को परमाणु पनडुब्बियां हासिल करने में मदद के लिए बना है।
ऑस्‍ट्रेलिया के साथ धीरे-धीरे ही सही, भारत रक्षा संबंध मजबूत कर रहा है। दोनों देशों की सेनाएं 28 नवंबर से 11 दिसंबर के बीच पहली ‘ऑस्‍ट्रा-हिंद’ इन्‍फैंट्री कॉम्‍बैट एक्‍सरसाइज में हिस्‍सा लेंगी। सेना के एक अन्‍य अधिकारी ने कहा, ‘इससे सेमी-डेजर्ट टेरेन में साथ ऑपरेट करने की क्षमता बढ़ेगी।’

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