देश के जाने माने वकील राम जेठमलानी ने कहा है कि अगर अरविंद केजरीवाल अदालत में उनकी पैरवी की फीस नहीं देते हैं तो वे उन्हें गरीब क्लाइंट समझ लेंगे. बता दें कि बीजेपी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाया था कि अरुण जेटली द्वारा दर्ज कराए गए आपराधिक मानहानि केस में वे कानूनी खर्चे सरकारी खजाने से चुकाने की कोशिश कर रहे हैं.
जेठमलानी ने क्या कहा?
‘मैं सिर्फ अमीरों से पैसे लेता हूं, गरीबों के लिए मैं तो फ्री में काम करता हूं. ये सब अरुण जेटली का करा धराया है जो मेरे क्रॉस-एग्जामिनेशन से डरे हुए हैं. अगर दिल्ली सरकार या वह (केजरीवाल) पेमेंट नहीं करते हैं तो मैं उन्हें एक गरीब क्लाइंट समझूंगा.’
‘केजरीवाल का निजी केस’
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि ये केजरीवाल का पर्सनल केस है. ये जेटली जी और उनके परिवार को बदनाम करने का प्रयास था. ऐसे में इसका पैसा सरकार क्यों भरेगी. उन्होंने कहा कि जो केस का खर्च होगा वो केजरीवाल को अपनी जेब से भरना होगा. हालांकि राम जेठमलानी ने इसे निजी केस मानने से इनकार किया. उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने सीएम होते हुए टिप्पणी की थी.
कितना बिल केजरीवाल को भरना है?
इस संबंध में दिल्ली सरकार ने लेफ्टिनेंट गवर्नर अनिल बैजल को खत लिखकर अरविंद केजरीवाल के खिलाफ अरुण जेटली द्वारा दर्ज कराए गए मानहानि केस में कानूनी खर्चों के बिल का भुगतान कराने को कहा है. दिल्ली सरकार का एलजी को लिखा वह खत बीजेपी प्रवक्ता तेजेंद्र बग्गा ने ट्विटर पर जारी किया है, जिसमें 3.86 करोड़ रुपये के कानूनी खर्च के बिल का भुगतान कराने को कहा गया है.
क्या है मामला?
दरअसल अरविंद केजरीवाल ने अरुण जेटली पर दिल्ली और जिला क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. जेटली साल 2013 तक डीडीसीए के अध्यक्ष थे. उन्होंने ये ओहदा 13 साल तक संभाला था. आरोपों के खिलाफ जेटली अदालत गए और केजरीवाल के खिलाफ 10 करोड़ रुपये का मानहानि दावा किया. इसके अलावा उन्होंने पटियाला हाउस कोर्ट में इसी मामले में आपराधिक मानहानि का मामला भी दर्ज करवाया है.