सचिन पायलट भ्रष्टाचार के मामलो को लेकर अपनी सरकार के खिलाफ अनशन पर बैठेंगे
सचिन पालयट राज्य की पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के समय भ्रष्टाचार के मामलों की जांच को लेकर अपनी ही कांग्रेस सरकार पर सवाल खड़े किये
(एन एल एन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): 11 अप्रैल को सचिन पालयट जयपुर में अनशन पर बैठेंगे। सचिन पायलट ने कहा कि वसुंधरा सरकार के समय प्रदेश में हुए भ्रष्टाचार के मामलों को जनता के सामने कांग्रेस के नेताओं के उठाने पर कांग्रेस की सरकार बनी और सत्ता में आने के बाद साढ़े चार साल बाद भी भ्रष्टाचार के मामलों की जांच को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया जबकि उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को दो बार पत्र लिखकर इस बारे में आग्रह किया गया था। उन्होंने कहा कि जब दो बार इस बारे में आग्रह करने के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण उन्होंने इस मांग को लेकर अब 11 अप्रैल को पूर्वाह्न ग्यारह बजे से प्रसिद्ध समाज सुधारक ज्योतिबा राव फुले की जयंती पर शहीद स्मारक पर एक दिन का अनशन करेंगे।
उन्होंने कहा “मुझे श्रीमती सोनिया गांधी ने राज्य में पार्टी की जिम्मेदारी दी और वसुंधरा सरकार की गलत नीतियों का हमने विरोध किया, खास तौर पर हमने भ्रष्ट्राचार के मुद्दों को उठाया। जिसका परिणाम हुआ कि उनकी सरकार चली गई। जब हम विपक्ष में थे उस समय हमने कहा था कि हम भाजपा सरकार के भ्रष्ट्राचार की जांच करेंगे। मैने मुख्यमंत्री को गत वर्ष 28 मार्च को इस संबंध में पहला पत्र लिखा लेकिन कोई जवाब नहीं आया। इसके बाद दो नवम्बर को दूसरा पत्र लिखा गया लेकिन उसका भी जवाब भी हमें नहीं मिला।”
सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री को लिखे दोनों पत्र मीडिया को देते हुए कहा कि ऐसा नहीं है कि वह इस मुद्दे को आज ही उठाया हैं और पहले कभी बात नहीं की। उन्होंने कहा कि पिछले साल से वह लगातार इस मांग को उठाते आ रहे हैं औरअब जब विधानसभा चुनाव में बहुत कम समय रह गया तो जिस मुद्दे के सहारे कांग्रेस की सरकार बनी उस मुद्दे पर कार्रवाई होनी चाहिए और वह अब तक नहीं हुई हैं, ऐसे में उन्हें अब इसे लेकर अनशन पर जाना पड़ रहा है और उन्हें उम्मीद है कि इस पर कार्रवाई होगी। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि वह कोई आरोप नहीं लगा रहे हैं वह मांग कर रहे हैं कि जब मुख्यमंत्री सहित कांग्रेस के हम सब नेताओं ने चुनाव के समय यह मुद्दा उठाया और अब हमारी सरकार के साढ़े चार साल निकल गये और इसे भुलाया दिया गया, फिर चुनाव आने वाले हैं तो चुनाव में तो जनता जवाब मांगेगी कि क्या केवल सत्ता में आने के लिए ही भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया गया जबकि सरकार बनने के बाद उसे लेकर कोई कार्रवाई नहीं हुई। संजीवनी सोसायटी धोखाधड़ी मामले में किए गए सवाल पर सचिन पायलट ने कहा कि यह अच्छी बात है कि जिस तरह इस मामले में रुचि दिखाई गई हैं इसी तरह अन्य मुद्दों पर भी काम होना चाहिए ताकि जनता में अच्छा संदेश जा सके और हम चुनाव के समय लोगों को यह कह सके कि कांग्रेस की कथनी और करनी में अंतर नहीं हैं। हमने जनता से वादा किया था कि जब हमारी सरकार आएगी तो हम इनके भ्रष्ट्राचार की जांच कराएंगे। उन्होंने कहा कि अब यह साबित करने के लिए जल्द कार्रवाई करनी चाहिए ताकि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लगे कि हमारी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है। उन्होंने कहा कि वसुंधरा सरकार के समय विपक्ष में रहते हुए हमने 45 हजार करोड़ के घोटालों को लेकर आवाज उठाई थी और यह वादा किया था कि सरकार आएगी इन घोटालों पर निष्पक्ष तरीके से जांच कराएंगे और दोषियों को सजा देंगे लेकिन हमारी सरकार साढ़े चार वर्ष बीत जाने के बाद भी अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया।
सचिन पायलट ने कहा “मैंने कभी द्वेषपूर्ण कार्रवाई के लिए नहीं कहा लेकिन विपक्ष के रूप में बनी हमारी विश्वसनीयता को बरकरार रखना होगा। इसलिए मैंने मुख्यमंत्री से गत वर्ष 28 मार्च को पहली चिट्ठी लिखी थी। सचिन पालयट राज्य की पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के समय भ्रष्टाचार के मामलों की जांच को लेकर अपनी ही कांग्रेस सरकार पर सवाल खड़े किये
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