(न्यूज़लाइवनाउ – Afghanistan) तालिबानी Afghanistan में सरकार बनाने के बावजूद आज भी अपने बच्चों को कट्टरपंथी आतंकवादी बनने की ही तालीम दे रहे है. दिलचस्प यह है कि बच्चे में कट्टरवाद कहां तक पहुंचा यह परीक्षा खुद तालिबान के बड़े कंमाडर अपने सहयोगियों के साथ ले रहे हैं.
बाबत तालिबान के 217 ओमारी सैन्य कोर कमांडर
हर शासक चाहता है कि उसकी जनता पढ़े-लिखे और मुल्क को तरक्की के रास्ते पर ले जाए. लेकिन तालिबान का लगता नहीं है कि अपने बच्चे को पढ़ाने लिखाने और अच्छे संस्कार सिखाने से कोई नाता है. कट्टर तालिबानी अफगानिस्तान में सरकार बनाने के बावजूद आज भी अपने बच्चों को कट्टरपंथी आतंकवादी बनने की ही तालीम दे रहे है.
दिलचस्प यह है कि बच्चे में कट्टरवाद कहां तक पहुंचा यह परीक्षा खुद तालिबान के बड़े कंमाडर अपने सहयोगियों के साथ ले रहे हैं. इस बाबत तालिबान के 217 ओमारी सैन्य कोर कमांडर मावलवी अमानुद्दीन मंसूर के सहयोगियों द्वारा बाकायदा एक वीडियो भी जारी किया गया है.
जरा ध्यान से देखिए इस बच्चे को जिस उम्र में इसे अपने गले में स्कूल का बस्ता लटकाना चाहिए उस उम्र में यह बच्चा खतरनाक अमेरिकी रायफल एम4 लटकाए है. जिस उम्र में इसे दुनियादारी के पहले सबक सीखने चाहिए उस उम्र में यह बच्चा कट्टर आतंकवाद का पाठ पढ़ रहा है. जिस उम्र में इसे अपने प्यारे टीचरों के साथ होना चाहिए उस उम्र में यह बच्चा विश्व के खतरनाक आंतकवादियों के साथ है.
बच्चों को बना रहे है आतंकवादी
इस वीडियो में जो बच्चा आपको दिखाई दे रहा है इसे पांच साल की उम्र से ही खतरनाक हथियार चलाने और एक वर्ग विशेष के खिलाफ नफरत के ऐसे पाठ पढ़ाने शुरू करा दिए गए कि 15 साल की उम्र तक पहुंचते पहुंचते उसकी गिनती खतरनाक आतंकवादियों में होने लगेगी. इस बच्चे ने नफरत का कितना पाठ पढ़ा और खतरनाक हथियारों से उसका प्रेम कितना बढ़ा है इसकी परीक्षा लेने खुद तालिबान की सैन्य कोर के कंमाडर पहुंचे हैं साथ में बच्चे के ट्रेनर भी बैठे हैं.
यह बच्चा धुआंधार तरीके से एक कहानी बता रहा है, जिसका सार है कि मुसलमानों को कभी भी गैर मुसलमानों से मदद की मांग या उम्मीद नहीं करनी चाहिए. गैर मुसलमान सदैव काफिर होता है. जरा सोचिए छोटे नन्हें मुन्नों को यह सिखाकर तालिबान अपनी अगली पीढ़ी को कहां ले जा रहा है. साथ ही वह दुनिया के सामने क्या साबित करना चाहता है.
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