ईराक-बगदाद : अमेरिकी दूतावास के पास हुए दो रॉकेट हमले, कोई हताहत नहीं।
अभी तक किसी ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : इराक की राजधानी बगदाद में अमेरिकी दूतावास के पास ग्रीन जोन इलाके में दो रॉकेट हमले हुए। हालांकि देश की सुरक्षा सेवाओं ने बताया है कि इस हमले में कोई घायल नहीं हुआ है। जहां रॉकेट हमला हुआ, वहां सरकारी एजेंसियां और विदेशी दूतावास स्थित हैं।इराकी सुरक्षा सेवाओं के एक सूत्र ने समाचार एजेंसी स्पुतनिक को बताया कि बुधवार देर बगदाद के ग्रीन ज़ोन में दो रॉकेट गिराए गए थे। पुलिस सूत्रों ने बताया कि कम से कम एक रॉकेट अमेरिकी दूतावास से 100 मीटर (गज) पहले गिरा। इराकी सेना का कहना है कि बगदाद के ग्रीन ज़ोन के अंदर दो कत्युशा रॉकेट गिराए गए, हालांकि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ है। समाचार एजेंसी रायटर ने इसकी जानकारी दी है। हालांकि अभी तक किसी ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। अमेरिकी ड्रोन हमले में शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत से बौखलाए ईरान ने बुधवार सुबह इराक स्थित दो अमेरिकी सैन्य ठिकानों (बेस) को 22 बैलिस्टिक मिसाइलों से निशाना बनाया। ईरान ने हमले में 80 सैनिकों के मारे जाने का दावा किया। इसके साथ ही बदला पूरा होने और युद्ध आगे नहीं बढ़ाने की बात कही। वहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, हमले में कोई सैनिक नहीं मारा गया है, केवल सैन्य बेस को थोड़ा नुकसान हुआ है। उन्होंने ईरान के नरम होते रुख की सराहना भी की। दोनों पक्षों के बयानों से खाड़ी में युद्ध भड़कने की आशंका पर विराम लगता दिख रहा है। अमेरिका ने शुक्रवार को बगदाद हवाई अड्डे के बाहर ईरान के शीर्ष कमांडर सुलेमानी को ड्रोन हमले में मार गिराया था। तब से ही बदला लेने की बात कर रहे ईरान ने बुधवार को मिसाइलें दागीं और बदला पूरा होने का दावा किया। हमले की जानकारी देते हुए इराक की सेना ने बताया कि उसके यहां दो सैन्य बेस को 22 मिसाइलों से निशाना बनाया गया, जहां अमेरिकी सैनिक ठहरे थे। इन हमलों में इराक का कोई सैनिक घायल नहीं हुआ है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने बैलिस्टिक मिसाइलों से किए गए हमलों को अमेरिका के गाल पर करारा तमाचा करार दिया है। खामेनेई ने कहा, ‘बदला अपनी जगह है, लेकिन फिलहाल एक बड़ी घटना हुई है। इस तरह की सैन्य गतिविधियां पर्याप्त नहीं हैं। जरूरी है कि इस क्षेत्र से अमेरिका को हटाया जाए। यह क्षेत्र अमेरिका की मौजूदगी बर्दाश्त नहीं करेगा।’