ब्रिटेन के चुनावों में प्रधानमंत्री जाॅनसन की कंजरवेटिव पार्टी को बहुमत मिला, पीएम मोदी ने दी बधाई।
प्रधानमंत्री जॉनसन ने ट्वीट कर कहा, यूके दुनिया का सबसे महान लोकतंत्र है। जिन्होंने भी हमारे लिए वोट किया, जो हमारे उम्मीदवार बने, उन सबका शुक्रिया।
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : ब्रिटेन में चुनावों के नतीजे शुक्रवार को आ चुके हैं। 650 सीटों वाली संसद में 647 सीटों के नतीजे आ चुके हैं। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की कंजरवेटिव पार्टी 363 सीटें जीत चुकी है। विपक्षी लेबर पार्टी को सिर्फ 202 सीटें मिली हैं। प्रधानमंत्री जॉनसन ने ट्वीट कर कहा, यूके दुनिया का सबसे महान लोकतंत्र है। जिन्होंने भी हमारे लिए वोट किया, जो हमारे उम्मीदवार बने, उन सबका शुक्रिया।” वहीं, विपक्षी लेबर पार्टी का नेतृत्व कर रहे जेरेमी कॉर्बिन ने ब्रेग्जिट को अपनी हार का कारण बताया है। कार्बिन ने आगे पार्टी का नेतृत्व नहीं करने का भी ऐलान किया है। जॉनसन को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बधाई दी। मोदी ने लिखा, “बोरिस जॉनसन को दमदार बहुमत के साथ सत्ता में लौटने की बधाई। मेरी तरफ से उन्हें शुभकामनाएं। भारत-यूके के करीबी संबंधों के लिए हम साथ काम जारी रखेंगे।”
वहीं ट्रम्प ने ट्विटर पर लिखा, “बोरिस जॉनसन को शानदार जीत के लिए बधाई। ब्रिटेन और अमेरिका ब्रेग्जिट के बाद बड़ा व्यापार समझौता करेंगे। यह समझौता यूके की यूरोपियन यूनियन से होने वाली डील से कई बड़ा होगा। जश्न मनाइए बोरिस।” जॉनसन ने नतीजे घोषित होने के बाद पार्टी हेडक्वार्टर से भाषण दिया। उन्होंने सीटें गंवाने वाले सांसदों को ढांढस बंधाया। हालांकि, पार्टी के 1980 जैसे जनादेश पाने के लिए खुशी का भी इजहार किया। जॉनसन ने कहा, “हमने जीत दर्ज की। अब देश में ब्रेग्जिट हो कर रहेगा। जिन विपक्ष समर्थकों ने हमें वोट किया, हम उन्हें निराश नहीं करेंगे। हो सकता है कंजरवेटिव के लिए वोट करते हुए आपके हाथ कांपें हों और आप अगली बार लेबर पार्टी के पास लौटना चाहें। लेकिन हम आपके विश्वास के प्रति आभार व्यक्त करते हैं। हम भविष्य में भी आपका समर्थन जीतने का भरोसा दिलाते हैं। जनवरी के अंत तक ब्रेग्जिट हो कर रहेगा।” इसी बीच लेबर पार्टी के अध्यक्ष इयान लेवेरी ने कहा है कि ब्रेग्जिट के लिए दूसरी बार जनमत संग्रह का प्रस्ताव देकर उनकी पार्टी ने गलती की। लेवेरी ने कहा कि इसके पीछे पार्टी के नेता जेरेमी कॉर्बिन की कोई गलती नहीं है। हम यूके के लोगों की भावनाओं को नहीं समझ पाए। इस चुनाव में लेबर पार्टी का नेतृत्व कर रहे जेरेमी कॉर्बिन ने नतीजों पर निराशा जताई। उन्होंने कहा कि वे आगे किसी भी चुनाव में पार्टी का नेतृत्व नहीं करेंगे। कॉर्बिन ने हार के पीछे ब्रेग्जिट को वजह बताया। दरअसल, लेबर ने वादा किया था कि अगर वह सत्ता में आती है, तो ब्रेग्जिट पर दोबारा जनमत संग्रह कराएगी। कॉर्बिन की पार्टी 2016 में हुए जनमत संग्रह को नाकाम बताती रही है। कॉर्बिन ने हार कबूलते हुए कहा, “हम सामाजिक न्याय का मुद्दा आगे भी जारी रखेंगे। हम वापसी करेंगे। लेबर पार्टी का संदेश हमेशा मौजूद रहेगा।” ब्रिटेन में यह पांच साल में तीसरे आम चुनाव रहा। वहीं 100 साल में यह पहली बार है, जब चुनाव दिसंबर में हुए। कंजरवेटिव पार्टी और बोरिस जॉनसन का चुनाव में साफ संदेश था, ‘ब्रेग्जिट पूरा करना।’ वहीं लेबर पार्टी इस पर बातचीत और दोबारा जनमत संग्रह चाहती थी। चुनाव में तीसरी बड़ी पार्टी ‘लिबरल डेमोक्रेट’ ब्रेग्जिट रद्द करने के पक्ष में थी। माना जा रहा है कि ब्रिटिश जनता ब्रेग्जिट पूरा करने के लिए कंजरवेटिव के पक्ष में वोट करेगी। अगर सत्ता बदली तो विपक्षी पार्टियों के पास ब्रेग्जिट पर दोबारा जनमत संग्रह कराएगी और इससे देश फिर ईयू से बाहर होने की मुश्किलों में फंस जाएगा।
4.57 करोड़ रजिस्टर्ड वोटर 68% कुल जनसंख्या के
650 संसदीय सीटें हैं देश में 326 बहुमत का आंकड़ा
स्कॉटलैंड-आयरलैंड भी यूनाइटेड किंगडम के चुनाव में शामिल होते हैं।
जॉनसन ने एक मीडिया ग्रुप से बातचीत के दौरान कहा, “हमें समझना होगा कि हमने कितना बड़ा भूकंप पैदा किया है। जिस तरह हमने देश का राजनीतिक नक्शा बदला, हमें उन जनादेश का भी सम्मान करना होगा। ब्रेग्जिट के लिए हमें मजबूत जनादेश मिला है।” एग्जिट पोल्स में जॉनसन को जीत दिखाई थीएग्जिट पोल्स पहले ही कह चुके हैं कि जॉनसन की पार्टी आसानी से बहुमत के आंकड़े को पार करेगी और 650 सीटों वाली संसद में 368 सीटें जीतेगी। वहीं विपक्ष को 191 सीटें मिलने का अनुमान है। कॉर्बिन ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद भारत सरकार के फैसले के विरोध में प्रस्ताव पारित किया था, उन्होंने कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षक तैनात करने के लिए कहा था। साथ ही कश्मीर में तनाव घटाने और भय-हिंसा को रोकने की नसीहत दी थी। कॉर्बिन ने कहा था कि भारत सरकार को कश्मीर के लोगों को खुद का फैसला करने देना चाहिए। हालांकि, लेबर पार्टी का यह रुख ब्रिटेन सरकार के अधिकारिक रुख के विपरीत था। ब्रिटेन सरकार का मानना है कि जम्मू-कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दा है।