अमेरिका ने चीन पर लगाया आरोप, लिंक्डइन पर हो रही जासूसों की भर्ती
इसका मकसद सरकार और कारोबार संबंधी गोपनीय जानकारी पाने का है
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : अमेरिका ने चीन पर गंभीर आरोप लगाया है। अमेरिका के एक शीर्ष खुफिया अधिकारी ने दावा किया है कि चीन की खुफिया एजेंसियां फर्जी लिंक्डइन अकाउंटों के जरिये अमेरिकी नागरिकों को भर्ती करने का प्रयास कर रही हैं। इसका मकसद सरकार और कारोबार संबंधी गोपनीय जानकारी पाने का है। उन्होंने कहा कि इस सोशल नेटवर्किंग साइट को ऐसे फर्जी अकाउंटों को बंद कर देना चाहिए।अमेरिका के नेशनल काउंटर-इंटेलीजेंस और सिक्युरिटी सेंटर के प्रमुख विलियम इवानिना ने एक साक्षात्कार में कहा कि खुफिया और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के अधिकारियों ने लिंक्डइन को चीन की हरकत के बारे में जानकारी दे दी है। उन्होंने कहा कि चीन लिंक्डइन के कई हजार यूजरों से एक साथ संपर्क कर रहा है। इवानिना ने हालांकि यह बताने से इन्कार कर दिया है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने कितने फर्जी अकाउंटों की पहचान की है। कितने अमेरिकियों से संपर्क किया गया और चीन इनमें से कितने लोगों की भर्ती करने में सफल हुआ है? उन्होंने कहा कि लिंक्डइन को ट्विटर, गूगल और फेसबुक की तरह फर्जी अकाउंटों को हटा देना चाहिए। लिंक्डइन के ट्रस्ट एंड सेफ्टी प्रमुख पॉल रॉकवेल ने इस बात की पुष्टि की है कि अमेरिकी एजेंसियों की जानकारी पर कंपनी कार्रवाई कर रही है। उन्होंने हालांकि चीनी खुफिया एजेंसियों से जुड़े फर्जी अकाउंटों की संख्या बताने से मना कर दिया।चीन के विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी खुफिया अधिकारी इवानिना के आरोपों को बकवास करार दिया। मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘हम नहीं जानते हैं कि अमेरिकी अधिकारी के पास क्या साक्ष्य हैं। वह जो कुछ कह रहे हैं वह पूरी तरह बेतुकी बात है।’जर्मनी और ब्रिटेन के अधिकारियों ने पूर्व में अपने नागरिकों को आगाह किया था कि चीन जासूस के तौर पर उनको भर्ती करने के लिए लिंक्डइन का उपयोग कर रहा है लेकिन यह पहला मामला है जब एक अमेरिकी अधिकारी ने अपने देश में इस चुनौती को लेकर खुले तौर पर चर्चा की। उन्होंने यह संकेत दिया कि यह एक बड़ी समस्या है।लिंक्डइन एक अमेरिकी कंपनी है। माइक्रोसाफ्ट कॉर्प के स्वामित्व वाली यह सोशल नेटवर्किंग साइट दुनिया के 200 से ज्यादा देशों में फैली है। इसके 15 करोड़ अमेरिकियों समेत दुनियाभर में 57.5 करोड़ यूजर हैं।