अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर महाभियोग चलाने का प्रस्ताव हुआ संसद में मंजूर।
अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटिव्स ने गुरुवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव चलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के लिए बुरा समय चल रहा लगता है। अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटिव्स ने गुरुवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव चलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इसके पक्ष में 232 वोट पड़े, जबिक विरोध में 196 वोट डाले गए। प्रतिनिधि सभा में डेमोक्रेटिक पार्टी का बहुमत है। इसी के नेतृत्व में महाभियोग जांच प्रक्रिया शुरू की गई है। ट्रम्प पर आरोप है कि उन्होंने अपने विरोधी जो बिडेन और उनके बेटे के खिलाफ यूक्रेनी गैस कंपनी में भ्रष्टाचार के मामले की जांच के लिए यूक्रेन पर दबाव डाला। प्रस्ताव में सार्वजनिक जांच करने और इसका नेतृत्व कांग्रेस की खुफिया मामलों की समिति के प्रमुख एडम स्किफ को देने की बात है। समिति प्रेसिडेंट मैक्गवर्न ने कहा कि राष्ट्रपति द्वारा ताकत के दुरुपयोग, राष्ट्रीय सुरक्षा और चुनाव प्रक्रिया की गोपनीयता से समझौता करने के पुख्ता सबूत हैं। सदन की 4 समितियों ने संयुक्त बयान में कहा कि जांच में सबूत-बयान एकत्र किए गए हैं, जल्द ही अमेरिकी जनता गवाहों को सुनेगी। इन सुबूतों से स्पष्ट हो जाएगा कि राष्ट्रपति ने ताकत का दुरुपयोग 2020 के चुनाव में दखल के लिए किया। ट्रम्प को पद से हटाने के लिए 20 रिपब्लिकन सांसदों को अपने ही राष्ट्रपति के विरुद्ध वोट डालने की जरूरत होगी। हालांकि इसकी संभावना कम नजर आ रही है। अभी तक अमेरिकी राजनीतिक इतिहास में किसी भी राष्ट्रपति को महाभियोग के जरिए नहीं हटाया गया है। अमेरिका के 17वें राष्ट्रपति एंड्रयू जॉन्सन और 42वें राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के खिलाफ महाभियोग प्रक्रिया चली थी, पर दोनों ही इससे बच गए थे। प्रतिनिधि सभा की छह समितियां राष्ट्रपति ट्रम्प पर महाभियोग के मामले की जांच करेंगी, सबसे मजबूत मामलों को न्यायिक समिति के पास भेजा जाएगा।
इसमें गलत काम होने के सबूत नहीं मिले, तो ट्रम्प सुरक्षित, सबूत मिलते हैं तो प्रतिनिधि सभा महाभियोग की विभिन्न धाराएं लगाने के लिए वोटिंग करवाएगी। इस वोटिंग में बहुमत से कम वोट पड़ते हैं, तो ट्रम्प को कोई खतरा नहीं, यदि बहुमत से ज्यादा वोट आए तो महाभियोग का मामला आगे बढ़ाया जाएगा। इसके बाद मामला सीनेट के पास जाएगा, सीनेट विभिन्न धाराओं में सुनवाई करेगी। ट्रायल में सीनेट ट्रम्प को दोषी ठहराने के लिए वोटिंग करवाएगी। (यह संभावना कम ही है, क्योंकि सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत है)
इस वोटिंग में दो तिहाई से कम वोट पड़े, तो ट्रम्प पद पर बने रहेंगे। ज्यादा पड़े, तो ट्रम्प को कुर्सी छोड़नी पड़ेगी।