इंटरनेट व सोशल मीडिया पर साझा नहीं करें 12 अंकों वाला आधार नंबर।
चेतावनी दी गई कि किसी और के आधार संख्या से आधार प्रमाणित कराना या किसी अन्य वजहों से दूसरे का आधार संख्या इस्तेमाल करना आधार कानून और भारतीय दंड संहिता के तहत अपराध है।
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने मंगलवार को लोगों को चेतावनी दी कि वे अपना 12 अंकों को आधार संख्या इंटरनेट व सोशल मीडिया पर साझा नहीं करें। प्राधिकरण की यह चेतावनी ट्राई अध्यक्ष की ओर से आधार संख्या ट्विटर पर साझा कर हैकरों को चुनौती देने के बाद आई है। यूआईडीआई की ओर से जारी बयान में कहा गया कि इस तरह की गतिविधि अनावश्यक है और इससे दूर रहना चाहिए, क्योंकि कानून के अनुरूप नहीं है। इसलिए लोग सार्वजनिक रूप से आधार संख्या इंटरनेट और सोशल मीडिया पर साझा कर दूसरों को चुनौती देने की प्रवृत्ति से बचे। बयान में चेतावनी दी गई कि किसी और के आधार संख्या से आधार प्रमाणित कराना या किसी अन्य वजहों से दूसरे का आधार संख्या इस्तेमाल करना आधार कानून और भारतीय दंड संहिता के तहत अपराध है। अगर कोई इस कृत्य में शामिल हुआ पाया जाता है या इस तरह की गतिविधि को प्रोत्साहित करता है, तो उसपर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। इसलिए लोग इस तरह की गतिविधि से दूर रहें। बयान में कहा गया, आधार विशिष्ट पहचान है और इसका इस्तेमाल विभिन्न सेवाएं, लाभ और सब्सिडी लेने के लिए व्यक्ति की पहचान स्थापित करने के लिए की जा जाती है। यूआईडीएआई नियमित तौर पर लोगों को आधार संख्या प्रदर्शित करने, प्रकाशित करने या सार्वजनिक रूप से साझा नहीं करने के लिए जागरूक करता है। प्राधिकरण ने कहा कि 12 अंकों का आधार नंबर व्यक्तिगत और संवेदनशील सूचना है, जैसे बैंक खाता संख्या, पासपोर्ट संख्या, पैन नंबर, इसलिए इसे तभी साझा किया जाए जब कानूनी रूप से यह जरूरी हो। आईटी नियमों के तहत भी संवेदनशील सूचनाओं के प्रकाशन और सार्वजनिक रूप से साझा करने पर रोक है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के अध्यक्ष आर एस शर्मा ने शनिवार को ट्विटर पर अपना आधार संख्या साझा किया था। साथ ही हैकरों को चुनौती दी थी कि वे इसमें दर्ज सूचना को हैक कर निकालें और उसका दुरुपयोग करके दिखाएं। इसके बाद कुछ ने दावा किया कि उन्होंने शर्मा के बैंक खाते, ईमेल की सूचना प्राप्त कर ली है। हालांकि, शर्मा ने सूचना लीक होने से इनकार किया था।