उत्तर प्रदेश की पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी के खिलाफ जारी हुआ गैर जमानती वारंट।

वर्ष 2010 की घटना का यह मुकदमा लखनऊ में 2011 से विचाराधीन है। विशेष न्यायाधीश ने कहा कि 14 फरवरी 2011 को कोर्ट ने संज्ञान लेकर सम्मन जारी किया। उसके बाद नियत तारीख पर कई सम्मन जारी हुए।

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : माननीयों के मुकदमे के लिए गठित विशेष अदालत ने प्रदेश सरकार की कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी की गिरफ्तारी के लिए गैर जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया है। विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने यह आदेश पिछले एक वर्ष से कई तारीख पर जमानती वारंट जारी होने के बावजूद हाजिर नहीं होने पर दिया है। वर्ष 2010 की घटना का यह मुकदमा लखनऊ में 2011 से विचाराधीन है। विशेष न्यायाधीश ने कहा कि 14 फरवरी 2011 को कोर्ट ने संज्ञान लेकर सम्मन जारी किया। उसके बाद नियत तारीख पर कई सम्मन जारी हुए। 18 अगस्त 2017 को दस हजार रुपये का जमानती वारंट जारी हुआ। 17 सितम्बर 2018 तक 12 तारीखों पर भी यही जमानती वारंट जारी हुआ लेकिन आरोपी कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए। मुकदमे का शीघ्र निस्तारण आरोपियों के कोर्ट में उपस्थित हुए बिना संभव नहीं है इसलिए गैर जमानती वारंट जारी किया जाना उचित, युक्तियुक्त प्रासंगिक, समीचीन, विधिक व न्यायहित में होगा।घटना 16 फरवरी 2010 की वजीरगंज थाने के शहीद स्मारक स्थल की है। एसओ ओमप्रकाश वर्मा ने कांग्रेस की तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी और महिला प्रकोष्ठ प्रभारी मीरा सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप है कि प्रशासन द्वारा निषेधाज्ञा का आदेश जारी किया गया था। इसका उल्लंघन कर शहीद स्मारक पर लाउडस्पीकर लगा कर भाषण दिया जा रहा था। इस मामले को लखनऊ की अधीनस्थ न्यायालय ने 14 फरवरी 2011 को संज्ञान लिया था। कोर्ट ने मीरा सिंह और डॉ. रीता जोशी के उपस्थित न होने पर जमानती वारंट जारी किया था। 11 तारीखें बीत जाने के बाद भी कोई उपस्थित नहीं हुई। सोमवार को स्पेशल कोर्ट में प्रकरण की सुनवाई हुई। कोर्ट ने मीरा सिंह और रीता जोशी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया है।

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