ओडिशा: नकली बार्धक्य भत्ता का प्रलोभन दिखाकर वोट बटोरने की कोशिश

वोट पाने के लिए "नेता क्या कुछ नहीं करता" लेकिन हद तो तभी होती है जब वोट पाने के लिए असंवैधानिक कार्य करने के लिए भी हिचकिचाता नहीं।

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): सूत्रों के अनुसार ओडिशा के गंजाम जिले में एक सरपंच के उम्मीदवार ने गाओं के कुछ बुजुर्ग को नकली बार्धक्य भत्ता और 500 रूपए की लालच दिखाकर वोट ऐंठने की कोशिस कीगई। हद तो तभी हुई जब इस एवज में नकली बार्धक्य भत्ता कार्ड उन बुजुर्गों को सौंपा गया। लेकिन झूठ तभी पकड़गया जब गाओं के बुजुर्ग भत्ते की कागज लेकर बी. डी. ओ. ऑफिस पोहंचे थे। वोट पाने के लिए नेता क्या कुछ नहीं करता। कभी अनोखा तोहफा तो कभी अनसुनी वादें, पर हद तो तब होती है जब प्रत्यासी वोट पाने की चक्कर में संविधान के देहलीज पर करलेता है।

कुछ बुजुर्ग आज धाराकोट ब्लक कार्यालय में वृद्धावस्था लाभ के बारे में जानने पहुंचे. सभी की उम्र 60 साल से अधिक है। चुनाव प्रचार कर रहे उम्मीदवार को 500 रुपये के वृद्धा भत्ते के साथ पेंशन कार्ड दिया गया। जिस पर किसी प्रशासनिक अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं थे। इसलिए उन्होंने इसकी प्रामाणिकता को सत्यापित करने के लिए पंचायत कार्यकारिणी से संपर्क किया। वहां से पता चला कि पंचायत द्वारा कोई भत्ता कार्ड जारी नहीं किया गया है। इसलिए संदेह की शिकायत करने के लिए धाराकोट ब्लक कार्यालय पहुंचे। कार्ड के फर्जी होने की जानकारी के बाद बुजुर्ग मतदाता अब उन्माद में हैं।

इस पंचायत में योगेंद्र स्वांई सरपंच प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। उसने दावा किया कि उसकी बिरोधी उम्मीदवार अपने तरफ लोगों को केंद्रीत करने का ये एक चाल है। चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन कर बी.डी.ओ. व पंचायत कार्यपालक अधिकारियों ने गुप्त रूप से भत्ता कार्ड बांटे हैं। इसलिए धाराकोट मे उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए बी.डी.ओ. में शिकायत दर्ज कराई है।

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