कमलनाथ बने मध्य प्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री

कमलनाथ ने सोमवार को मध्यप्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : कमलनाथ ने सोमवार को मध्यप्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दोपहर 2:30 बजे उन्हें शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस के अलावा 10 अन्य दलों के नेता मौजूद रहे। वहीं, 4 पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, बाबूलाल गौर, दिग्विजय सिंह और कैलाश जोशी भी मंच पर मौजूद थे।शपथ ग्रहण से पहले कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शिवराज का हाथ थामा। इससे पहले शिवराज और दिग्विजय सिंह ने कैलाश जोशी के पैर छुए। शिवराज ने राकांपा प्रमुख शरद पवार और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारुक अब्दुल्ला से भी हाथ मिलाया।राजस्थान के नए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट भी जयपुर में शपथ लेने के बाद कांग्रेस के अन्य नेताओं के साथ भोपाल पहुंचे। कमलनाथ के शपथ ग्रहण में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, राजीव शुक्ला, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, मंत्री डी शिवकुमार, पुडुचेरी के मुख्यमंत्री नारायणसामी, आनंद शर्मा, राज बब्बर, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र हुड्डा, उनके बेटे और सांसद दीपेंदर हुड्डा, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव, कांतिलाल भूरिया, पंजाब में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू, विवेक तन्खा मौजूद थे।कमलनाथ मंत्रिमंडल का गठन तीन-चार दिन में कर सकते हैं। कमलनाथ पहला बड़ा फैसला किसानों की कर्जमाफी का लेंगे। इसके बाद राज्य में बेरोजगारी भत्ता दिए जाने पर अफसरों से चर्चा करेंगे।कमलनाथ मंत्रिमंडल के गठन में वरिष्ठता, क्षेत्रीय संतुलन और जातिगत समीकरण का ध्यान रखा जा सकता है। उप मुख्यमंत्री को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। 20 से ज्यादा विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने पर मंथन चल रहा है।इस बीच सिख विरोधी दंगों पर दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के बाद भाजपा ने कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाए जाने पर ऐतराज जताया है। अदालत ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई है।भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, ‘‘राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। सिख विरोधी दंगों की जांच के लिए गठित नानावटी आयोग को सौंपी गई रिपोर्ट के हलफनामे और सबूतों में कमलनाथ का नाम सामने आया। एक ऐसा शख्स जो कि सिख विरोधी दंगों में शामिल था, उसे मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री चुना गया है। राहुल गांधी को निश्चित तौर पर उन्हें पार्टी से निष्कासित करना चाहिए।’’

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