कमलेश तिवारी हत्याकांड : फोन कॉल ने खोले सारे राज।
डीजीपी के मुताबिक जिस नंबर से आखिरी बार अभियुक्तों ने कमलेश तिवारी से बात की थी, उसी नंबर से गुजरात के कई नंबरों पर बात की गई। जिससे पुलिस को इस हत्याकांड का सिरा तलाशने में आसानी हुई।
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : कमलेश तिवारी हत्याकांड में नए सबूत मिल रहे हैं। राजधानी में हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की निर्मम हत्याकांड का यूपी पुलिस ने खुलासा कर दिया है। डीजीपी के मुताबिक जिस नंबर से आखिरी बार अभियुक्तों ने कमलेश तिवारी से बात की थी, उसी नंबर से गुजरात के कई नंबरों पर बात की गई। जिससे पुलिस को इस हत्याकांड का सिरा तलाशने में आसानी हुई। डीजीपी ने बताया कि उन्होंने खुद गुजरात के डीजीपी से बात कर मदद मांगी। गुजरात एटीएस सीधे मिठाई की दुकान पर पहुंची और वहां का सीसीटीवी फुटेज खंगाला तो उसमें एक युवक मिठाई लेता हुआ दिखाई दे रहा है। एटीएस ने उसकी शिनाख्त फैजान के रूप में की। देर रात एटीएस ने फैजान को गिरफ्तार किया और फिर मोहसिन और राशिद को भी गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने बताया कि इस मामले में दो अन्य लोगों गौरव तिवारी और मोहसिन के भाई को भी हिरासत में लिया गया था, जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया। डीजीपी ने बताया कि गौरव तिवारी मूल रूप से यूपी का ही रहने वाला है। उसने कमलेश तिवारी को फोन कर उसके संगठन से जुड़ने की इच्छा जाहिर की थी। डीजीपी ने बताया कि उक्त दोनों व्यक्तियों को छोड़ भले ही दिया गया हो, लेकिन उन पर पूरी नजर रखी जा रही है। पकड़े गए तीन युवकों का भी कोई आपराधिक इतिहास अब तक नहीं पता चला है। डीजीपी ने बताया कि कमलेश की पत्नी की ओर से दी गई तहरीर में नामजद मौलाना अनवारुल हक और मुफ्ती मोईन कासिमी को भी हिरासत में लिया गया है। इस मामले में लखनऊ पुलिस, यूपी एटीएस, यूपी एसटीएफ, बिजनौर पुलिस और गुजरात पुलिस व एटीएस द्वारा छानबीन की जा रही है। डीजीपी ने बताया कि कमलेश की पत्नी की ओर से दी गई तहरीर में नामजद मौलाना अनवारुल हक और मुफ्ती मोईन कासिमी को भी हिरासत में लिया गया है। इस मामले में लखनऊ पुलिस, यूपी एटीएस, यूपी एसटीएफ, बिजनौर पुलिस और गुजरात पुलिस व एटीएस द्वारा छानबीन की जा रही है।