खतरे में इमरान की कुर्सी ? पाकिस्तान में लॉकडाउन पर सेना-सरकार में तकरार

क्या आतंकियों को शरण देने के लिए बदनाम पाकिस्तान की कोरोना वायरस के वक्त कोई देश आर्थिक रूप से मदद नहीं करना चाहता?

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): राहुल कार्की: कोरोना वायरस के कारण इस समय पूरी दुनिया संकट के दौर से गुजर रही है। चीन के वुहान से शुरू हुई इस महामारी ने अब पूरे विश्व को अपनी चपेट में ले लिया है। इस बीच पड़ोसी मुल्‍क पाकिस्‍तान से खबर है कि कोरोना वायरस को लेकर सेना और इमरान खान सरकार के बीच तकरार चल रही है। क्या आतंकियों को शरण देने के लिए बदनाम पाकिस्तान की कोरोना वायरस के वक्त कोई देश आर्थिक रूप से मदद नहीं करना चाहता? पीएम इमरान खान खुद दावा कर रहे हैं कि न तो किसी देश और न ही किसी वैश्विक संगठन ने इस वक्त कोई वित्तीय मदद दी है। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान आर्थिक रूप से कमजोर उन देशों में शामिल है जिसपर कोरोना महामारी की दोहरी मार पड़ी है। यह देश पहले से ही आईएमएफ और विश्व बैंक के कर्जे से अपनी इकॉनमी रन कर रहा था और अब कोरोना ने उसकी कमर तोड़ दी है। कोई एक रुपया देने को नहीं तैयार इमरान खान अपील पर अपील किए जा रहे हैं लेकिन कोई भी देश मदद करने को तैयार नहीं है। उन्होंने कुछ दिन पहले ही वैश्विक समुदाय से अपील की थी कि कमजोर देशों का ऋण माफ कर देना चाहिए। उधर, सोशल मीडिया पर प्रभावशाली लोगों और पत्रकारों से बातचीत में इमरान ने कहा कि महामारी से इकॉनमी बुरी तरह से प्रभावित हुई है और गंभीर मुश्किलों के बाद भी न तो कोई देश और न ही किसी वैश्विक संगठन ने सिंगल डॉलर की ही मदद की है। हालांकि, उन्होंने यह जरूर कहा कि आईएमएफ ने लोन के रिपेमेंट में राहत दी है।वहीं, विरोधियों पर निशाना साधते हुए इमरान ने कहा कि कई लोग सोशल मीडिया पर झूठा प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘जिन्होंने भ्रष्टाचार से पैसे बनाए हैं वे फ्री मीडिया से भयभीत हैं क्योंकि उनका भंडाफोड़ हो जाएगा।’ उन्होंने कहा कि चाहे जितना भी झूठ बोला जाए लेकिन लोगों को अंत में सच पता चल ही जाएगा। मार्च की शुरुआत में पाकिस्तान के लिए अच्छी खबर आई थी जब वर्ल्ड बैंक और एशिया विकास बैंक यानी एडीबी ने भी कोरोना वायरस और उसके सामाजिक-आर्थिक प्रभाव से निपटने के लिए 58.8 करोड़ डॉलर देने पर सहमति जताई थी। कोरोना के मामले बढ़ते ही इमरान सरकार ने दोनों बैंकों से बातचीत शुरू कर दी थी। सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया था कि वर्ल्ड बैंक 23.8 करोड़ डॉलर और एडीबी 35 करोड़ डॉलर का लोन देगा। यह पाकिस्तान के लिए बड़ी राहत की बात यह थी क्योंकि उसे उम्मीद थी कि वर्ल्ड बैंक उसे 14 करोड़ डॉलर ही देगा, लेकिन उसने 23 करोड़ डॉलर से अधिक की मदद की प्रतिबद्धता जाहिर की गई। वहीं, अमेरिका ने कहा था कि वह भी एक करोड़ डॉलर की मदद देगा। इमरान की मानें तो पाकिस्तान को यह रकम अब तक नहीं मिल पाई है। इमरान के बयान से जाहिर होता है कि सदाबहार दोस्त चीन ने भी आर्थिक मदद नहीं की है। हालांकि, उसने मास्क और किट जरूर भेजे थे जिनमें खामियां पाई गई थीं। चीन ने बाकी देशों को तो ठगा ही, उसने अपने सगे कहे जाने वाले पाकिस्तान को भी नहीं छोड़ा। चीन ने मदद की इच्छा जताते हुए कोरोना संक्रमण के बीच सीमा खुलवाई। चीन द्वारा भेजा गया मास्क जब पाकिस्तानी डॉक्टरों ने खोल कर देखा तो वह अंडरवेयर से बना हुआ मास्क था।

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