गाजा से इस्राइल पर दागे गए रॉकेट, सीमावर्ती शहरों में घुसे आतंकी, हमास बोला- ‘अब बहुत हुआ’

(न्यूज़ लाइव नाउ – World): इसराइल के इलाक़ों पर शनिवार को ग़ज़ा पट्टी से रॉकेट हमला किया गया। इसी दौरान इस्लामी विद्रोही गुट हमास से जुड़े दर्जनों लड़ाके दक्षिण की तरफ़ से इसराइल की सीमापार कर भीतर घुस आए हैं। वहीं इसराइल की सेना का कहना है कि हमले के जवाब में वो “स्थिति का जायज़ा ले रहे हैं” और उन्होंने ग़ज़ा पट्टी पर ठिकानों पर हमले शुरू कर दिए हैं। इससे पहले इसराइल की तरफ़ कई रॉकेट छोड़े गए थे जिसके बार देश के कई हिस्सों में इमर्जेंसी सायरन की आवाज़ें सुनने को मिली थीं।

हमले के बारे में एएफपी पत्रकार ने बताया कि स्थानीय समय के मुताबिक शनिवार सुबह 06:30 बजे (0330 GMT) गाजा में कई स्थानों से रॉकेट दागे गए। इस्राइली सेना ने देश के दक्षिण और मध्य क्षेत्रों में एक घंटे से अधिक समय तक सायरन बजाकर आम जनता को चेतावनी दी। सुरक्षाबलों और स्थानीय प्रशासन की तरफ से अपील की गई है कि जनता बम शेल्टर यानी बंकरों में शरण ले।

रॉकेट हमले के बारे में सेना ने बताया, “गाजा पट्टी से कई आतंकवादियों ने इस्राइली क्षेत्र में घुसपैठ की है।” इस्राइल की आपातकालीन सेवा एजेंसी- मैगन डेविड एडोम ने भी हमले के बारे में बयान दिया। एजेंसी के अनुसार, मध्य इस्राइल में एक इमारत पर रॉकेट गिरने के बाद 70 वर्षीय महिला हताहत हुई। खबर के अनुसार महिला की हालत गंभीर है। एक अन्य व्यक्ति फंस गया था।

एक अलग घटना घायल आम नागरिक के बारे में डॉक्टरों ने कहा, 20 वर्षीय एक व्यक्ति छर्रे लगने से मामूली रूप से घायल हो गया। हमलों के बाद इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय से भी बयान जारी किया गया। बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री जल्द ही हिंसा से जुड़े सुरक्षा प्रमुखों के साथ बैठक करेंगे। ये भी जानना अहम है कि रॉकेट हमले की जिम्मेदारी फिलहाल किसी ने नहीं ली है।

गौरतलब है कि हमास आतंकवादी समूह के सत्ता में आने के बाद 2007 से इस्राइल ने गाजा पर गंभीर नाकाबंदी लगा दी है। फिलिस्तीनी उग्रवादियों और इस्राइल के बीच पिछले 16 साल में कई बेहद विनाशकारी युद्ध हो चुके हैं। सितंबर में बढ़े तनाव के बाद गाजा ने इस्राइल पर नए सिरे से दर्जनों रॉकेट दागे। तनाव को देखते हुए इस्राइल ने दो सप्ताह के लिए गाजा से जुड़े श्रमिकों के लिए सीमा बंद कर दी थी।

सीमा पर बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात हैं। फिलिस्तीनी विरोध प्रदर्शन के कारण क्रॉसिंग को बंद कर दिया गया। प्रदर्शनकारियों ने इस्राइली सैनिकों पर हमला करने के लिए टायर जलाने, पत्थर और पेट्रोल बम का सहारा लिया। रिपोर्ट के अनुसार सुरक्षाबलों ने आंसू गैस और हवाई फायरिंग से जवाब दिया। मई में, इस्राइली हवाई हमलों और गाजा रॉकेट हमले के परिणामस्वरूप 34 फिलिस्तीनियों और एक इस्राइली की मौत हो गई थी। इस्राइली और फिलिस्तीनी अधिकारियों के अनुसार, इस वर्ष अब तक संघर्ष में कम से कम 247 फिलिस्तीनी, 32 इस्राइली और दो विदेशी मारे गए हैं, जिनमें दोनों पक्षों के लड़ाके और नागरिक शामिल हैं। अधिकांश मौतें वेस्ट बैंक में हुई हैं, जिस पर 1967 के अरब-इस्राइल संघर्ष के बाद से इस्राइल ने कब्जा कर लिया है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, सेना की छापेमारी, इस्राइलियों को निशाना बनाकर फिलिस्तीनी हमले और फिलिस्तीनियों और उनकी संपत्ति के खिलाफ इस्राइल में रहने वाले लोगों की तरफ से हुई हिंसा बढ़ी है। मध्य पूर्वी देश इस्राइल में हिंसा की खबरों के बीच ये जानना भी जरूरी है कि कई धुर दक्षिणपंथी इस्राइली मंत्री वेस्ट बैंक में बस्तियों में रहते हैं। इन लोगों को अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अवैध माना जाता है।

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