छत्तीसगढ़ CD कांड: 9 दिनों बाद सामने आया सेक्स CD कांड का सूत्रधार

छत्तीसगढ़ सीडी कांड का सूत्रधार प्रकाश बजाज रविवार को सामने आया. उसको बीजेपी नेता धरम लाल कौशिक का नजदीकी माना जाता है. नौ दिनों बाद सामने आए बजाज ने पुलिस के सवालों का गोलमोल जवाब दिया. इसने मामले की पेंचीदगी और बढ़ा दी है. उनके बयान से ऐसा लग रहा है कि उनके पास जो फोन आए थे, वे किसी नेता विशेष को लेकर नहीं थे.

प्रकाश बजाज ने कहा, ‘मुझे नहीं मालूम कि ब्लैकमेलर किस आका के बारे में बोल रहे थे. ब्लैकमेलर ने मुझे फोन कर कहा था तुम्हारे आका बदनाम हो जाएंगे. मैं पुलिस को सब बता चुका हूं, और अब जो कहूंगा अदालत के सामने कहूंगा.’ बीजेपी नेता धरम लाल कौशिक का करीबी होने के कारण बजाज के गायब होने को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं होने लगी थीं.

पिछले दो दिनों से राजनीतिक हलकों में एक और सीडी के जारी होने की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है. इस कारण बजाज से यह जानने का प्रयास किया जा रहा है कि वास्तव में सीडी को लेकर क्या-क्या चल रहा है. दरअसल, रायपुर पुलिस ने बजाज की रपट को ही आधार बनाकर पत्रकार विनोद वर्मा को उनके गाजियाबाद स्थित निवास से गिरफ्तार किया है.

प्रकाश ने पुलिस को बताया, ‘तीन दिन रिश्तेदार के यहां रहा, सुबह ही निकल जाता था. 10-12 दिनों पहले मेरे लैंडलाइन पर फोन आया. कॉल करने वाले ने मेरा नाम पूछा. मैंने जैसे ही बताया उसने कहा कि उसके पास मेरे आका की सेक्स सीडी है. यदि उसको बचाना चाहते हो तो पैसे लेकर दिल्ली आ जाओ. इतना बोलकर उसने फोन डिस्कनेक्ट कर दिया.’

उन्होंने कहा, ‘मुझे लगा किसी ने मजाक किया है. मैं दूसरे कामों में व्यस्त हो गया. 26 अक्टूबर को फिर फोन आया. उसने कहा, ‘आका को बचाना चाहते हो तो दिल्ली आकर मिलो और पैसे दो. इतना कहने के बाद फिर कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया. लेकिन इस बार आए फोन ने मुझे बेचैन कर दिया. मैं सीधा थाने गया और रिपोर्ट दर्ज करा दी.

प्रकाश ने बताया, ‘अगले दिन सुबह जब मैं सो रहा था, अचानक फोन की घंटी बजी. मेरी नींद उसी से खुली. मोबाइल पर भी लगातार कॉल आ रहे थे. मैंने फोन रिसीव किया, तब पता चला कि दिल्ली में पुलिस ने किसी पत्रकार को गिरफ्तार किया है. पहले तो मुझे कुछ समझ नहीं आया. कुछ साथियों से फोन पर बताया कि मेरी ही रिपोर्ट पर गिरफ्तारी हुई है.’

‘मुझे इतने फोन आ रहे थे कि मैं घबरा गया. दोपहर तक स्थिति इतनी बिगड़ गई कि मेरे घर वाले भी दहशत में आ गए. उनकी हालत देखकर मैंने अपना मोबाइल बंद किया. रिश्तेदार के घर चला गया. तीन दिन वहां रहने के बाद घर तो आ गया था, लेकिन सुबह ही बाहर चला जाता था. रात होने पर ही घर लौटता था. अंदेशा नहीं था कि मामला इतना बढ़ेगा.

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