जानिए यमुना पर बन रहें सिग्नेचर ब्रिज के विषय में कुछ रोचक बातें
विभागीय जानकारों का कहना है कि इसमें एक भी कार्य ऐसा नहीं है, जिसे जल्दबाजी में पूरा किया जा सके। सरकार ने इसे 31 अक्टूबर तक पूरा करने का लक्ष्य विभाग को दिया है
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : वजीराबाद में यमुना पर बन रहा सिग्नेचर ब्रिज 31 अक्टूबर तक केवल ट्रायल के लिए ही खुल सकेगा। यातायात पुलिस और सरकार के साथ बैठक के बाद ही यह तय हो सकेगा कि इसे पूरे दिन के लिए खोला जाए या फिर सुबह और शाम के व्यस्त समय में उपयोग के लिए खोला जाए। पुराने वजीराबाद पुल पर जाम लगने से लोगों को हो रही समस्या को ध्यान में रखकर इस तरह का निर्णय लिया जा सकता है। लोगों को जिस सिग्नेचर ब्रिज का बेसब्री से इंतजार है, उसमें अभी काफी काम होना है, इसके 31 मार्च तक पूरा होने की संभावना है।
परियोजना पर काम कर रहा दिल्ली पर्यटन एवं परिवहन निगम मान रहा है कि इसे प्रतिदिन कुछ समय के लिए खोला जा सकता है। क्योंकि परियोजना में ढांचागत निर्माण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। ब्रिज का जो 350 मीटर का भाग 154 मीटर ऊंचाई वाले मुख्य पिलर पर टिका है। इस भाग को पिलर से जोड़ने वाले तारों की जांच का काम चल रहा है, जो जल्द पूरा हो जाएगा। पिलर के ऊपर वाले उस भाग का काम अभी पूरा नहीं हो सका है जहां से खड़े होकर लोग 154 मीटर की ऊंचाई से दिल्ली को निहार सकेंगे। इस भाग का निर्माण कार्य जारी है, लेकिन ट्रायल शुरू होने के बाद काम पूरा करने के लिए यातायात को बंद करना होगा। इसमें चार लिफ्ट लगाई जानी हैं। इसके अलावा पिलर में अन्य कार्य भी बचे हैं, जिनके लिए यातायात को रोकना होगा। विभागीय जानकारों का कहना है कि इसमें एक भी कार्य ऐसा नहीं है, जिसे जल्दबाजी में पूरा किया जा सके। सरकार ने इसे 31 अक्टूबर तक पूरा करने का लक्ष्य विभाग को दिया है।उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया शनिवार को फिर सिग्नेचर ब्रिज के कार्य का निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंने ब्रिज के निर्माण के बारे में पूरी जानकारी ली। उन्होंने एक बार फिर अधिकारियों पर दबाव बनाया कि ब्रिज को हर हाल में 31 अक्टूबर तक खोल दिया जाए। पिछले छह माह में तीसरी बार सिसोदिया शनिवार को ब्रिज का निरीक्षण करने पहुंचे थे।दिल्ली सरकार ने ब्रिज के लिए 12 जुलाई को अंतिम किस्त को मंजूरी दे दी थी। इस ब्रिज का काम अब अंतिम चरण में है। कैबिनेट ब्रिज के लिए बची हुई 138 करोड़ की राशि दे चुकी है। ब्रिज के निर्माण पर कुल राशि 1518.37 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है।गौरतलब है कि इस ब्रिज की निर्माण लागत में हो रही वृद्धि को देखते हुए दिल्ली सरकार ने परियोजना का थर्ड पार्टी मूल्यांकन कराया था। फैसले के तहत सीपीडब्ल्यूडी ने इस दिशा में काम किया। मूल्यांकन के दौरान बढ़ी राशि को सही माना गया। इस ब्रिज पर दस साल से काम चल रहा है।