झारखंड : माओवादी लीडर अरविंद की मौत, एक करोड़ का इनामी था अरविंद

अरविंद पिछले कुछ दिनों से बीमार था। संगठन बूढ़ा पहाड़ पर ही उसका इलाज करा रहा था। उसे बढ़िया खाना और दवा भी नहीं मिल रही थी। बुधवार को तबियत बिगड़ने के बाद सुबह 10 बजे उसे ऑक्सीजन लगाया गया।

(एनएलएन मीडिया-न्यूज़ लाइव नाऊ): प्रदेश में 11 पुलिस जवानों की हत्या कर चार जवानों के पेट में बम प्लांट करने वाले भाकपा माओवादी के टॉप लीडर अरविंद की बुधवार को हार्ट अटैक से मौत हो गई। करीब 80 साल के कुख्यात माओवादी अरविंद पर सरकार ने एक करोड़ रुपए के इनाम की घोषणा कर रखी थी। झारखंड-छत्तीसगढ़ सीमा पर स्थित बूढ़ा पहाड़ पर उसने अपना ठिकाना बना रखा था। एके-47 और राॅकेट लॉन्चर से लैस आठ नक्सली कमांडो हमेशा उसकी सुरक्षा में तैनात रहता था।

नौ राज्यों की पुलिस को उसकी तलाश थी

बिहार के जहानाबाद जिले का रहने वाला अरविंद भाकपा माओवादी पोलित ब्यूरो का सदस्य था। नौ राज्यों की पुलिस को उसकी तलाश थी। वह आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड में संगठन के लिए काम कर चुका है। फिलहाल लातेहार, गुमला, लोहरदगा, गढ़वा और पलामू इलाके में सक्रिय था।

सालों से पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ था

सालों से झारखंड पुलिस के लिए अरविंद चुनौती बना हुआ था। आशंका जताई जा रही है कि माओवादी उसके शव को जहानाबाद ले जा सकते हैं। इसे देखते हुए झारखंड पुलिस ने बिहार पुलिस को अलर्ट कर दिया है। कोबरा बटालियन को बूढ़ा पहाड़ की ओर रवाना कर दिया गया है। खुफिया एजेंसी भी अलर्ट हो गई है।

काफी समय से बीमार था अरविंद

अरविंद पिछले कुछ दिनों से बीमार था। संगठन बूढ़ा पहाड़ पर ही उसका इलाज करा रहा था। उसे बढ़िया खाना और दवा भी नहीं मिल रही थी। बुधवार को तबियत बिगड़ने के बाद सुबह 10 बजे उसे ऑक्सीजन लगाया गया। कुछ देर बाद ही सीने में दर्द और बेचैनी की शिकायत की। और कुछ देर बाद ही हार्ट अटैक से उसकी मौत हो गई।

जल्दी ही माओवादियों की होगी बैठक

– जंगल से मिल रही खबर के अनुसार कुख्यात माओवादी अरविंद की मौत हो जाने के बाद अब संगठन की कमान कुख्यात सुधाकरण को मिलेगी। इसके लिए जल्दी ही एक बैठक झारखंड में होगी। इसमें कई राज्यों के बड़े नक्सली नेता जुटेंगे। बूढ़ा पहाड़ पर बने अरविंद के ठिकाने पर ही कुख्यात माओवादी सुधाकरण और उसकी पत्नी नीलिमा भी मारक दस्ते के साथ मौजूद है।

– झारखंड पुलिस के प्रवक्ता सह एडीजी अभियान आरके मल्लिक ने कहा कि अरविंद के मरने की सूचना मिली है। उसकी पुष्टि कराई जा रही है।

2011 में झारखंड को बनाया था अपना ठिकाना

– भाकपा माओवादी के पीएलजीए मारक दस्ता के सक्रिय सदस्य रहे अरविंद 2011 में सेंट्रल कमेटी का सदस्य बनकर झारखंड आया। कई कुख्यात माओवादियों के साथ उसने बूढ़ा पहाड़ को ठिकाना बनाया। ताबड़तोड़ नक्सली वारदातों को अंजाम देकर वह चर्चा में आया। मार्च 2016 में आंध्र प्रदेश का कुख्यात माओवादी सुधाकरण भी अपनी पत्नी नीलिमा के साथ लातेहार आया।

– झारखंड पुलिस ने आईजी अभियान आशीष बत्रा की देखरेख में इन दोनों के खिलाफ अभियान तेज किया तो अरविंद लातेहार के कुमंडी जंगल पहुंचा। 2013 में मुठभेड़ में 11 जवानों को ढेर कर पहली बार चार जवानों के पेट चीरकर उसमें बम प्लांट कर दिया। इसके बाद झारखंड पुलिस ने इन दोनों को पकड़ने के लिए पूरी ताकत झोंक दी।

सालों से झारखंड पुलिस के लिए अरविंद चुनौती बना हुआ था

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