तारापीठ के प्रसिद्ध काली मंदिर में बंद हुई यह सदियों पुरानी परंपरा…

(न्यूज़ लाइव नाऊ) : प्रसिद्द तारापीठ के काली मंदिर में मंदिर प्रशासन में सुबह मूर्ती स्नान के समय की एकसदियों पुरानी परम्परा को रोक दिया है.

बीरभूम जिले में मंदिर की शैवायत समिति को आशंका है कि काले रंग में पत्थरों वाली मूर्ति पर श्रद्धालुओं द्वारा अगुरू, चंदन, सिंदूर और अन्य सामग्री लगाने से इसे नुकसान पहुंच सकता है .




समिति के सचिव ध्रुव चटर्जी ने कहा, ‘यह पाया गया है कि श्रद्धालुओं द्वारा पूजन सामग्री लगाने से मूल मूर्ति को नुकसान हो सकता है.’ अतीत में मूर्ति पर लगायी जाने वाली सामग्री प्राकृतिक होती थी लेकिन आज कल इनमें मिलावट होने के कारण मूर्ति को नुकसान पहुंच रहा है.

इसके अलावा, पवित्र स्नान के बाद अन्य धार्मिक क्रिया से भी असर पड़ रहा है क्योंकि ज्यादा जगह नहीं होने के बावजूद मंदिर के भीतर कई श्रद्धालु मौजूद रहते हैं.
मंदिर में नियमित दर्शन के दौरान श्रद्धालु तीन फुट लंबी चांदी की मूर्ति को देखते हैं. सूत्रों ने बताया कि भीड़ को संभालना मुश्किल होता जा रहा है और इसलिए पवित्र स्नान के दौरान श्रद्धालुओं को इस रस्म से रोकने का फैसला किया गया है.


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